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उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की हथिनी पूनम के मां बनने के बाद आराम के साथ दिन कट रहे है। पार्क प्रबंधन ने हथिनी पूनम और बच्चे के लिए विशेष भोजन की व्यवस्था की है। डाॅक्टरों की टीम लगातार कैंप में पहुंचकर हथिनी के स्वास्थ्य की निगरानी कर रही ह
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कैंप की सुरक्षा के लिए दो गाड़ियां और चार हाथी तैनात हैं। सुरक्षा की निगरानी के लिए लगातार अधिकारी कैंप मे पहुंचकर जानकारी लेते हैं। टाइगर रिजर्व की हथिनी पूनम ने 10 जुलाई को मादा बच्चे को जन्म दिया था।
गन्ना, गुड़, घास और विशेष भोजन कि व्यवस्था
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के खितौली परिक्षेत्र के अमिलिहा कैंप में पूनम ने मादा बच्चे को जन्म दिया है। बच्चे के जन्म के साथ ही बीटीआर प्रबंधन ने हथिनी पूनम की आवभगत शुरू कर दी। पूनम को सुबह, दोपहर, शाम और रात में उसकी पसंद का विशेष भोजन दिया जा रहा है। उसे सुबह गन्ना, रोटी, गुड़ दोपहर में मिक्स ग्रेन रोटी ,गुड़ दलिया, गुड़ के मावा मसाले वाले लड्डू, शाम और रात को दलिया, रोटी, घास, फल दिए जा रहे हैं।

स्वास्थ्य परीक्षण और पूरा आराम
सुबह-शाम बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के डॉक्टर नितिन गुप्ता हथिनी पूनम और बच्चे का स्वास्थ्य परीक्षण करते हैं। हथिनी और बच्चे की एक्टिविटी पर निगरानी रखते हैं। हथिनी पूनम को स्वास्थ्य परीक्षण के बाद पूरे दिन छोड़ दिया जाता हैं। पूनम से काम नहीं लिया जाता है।
मां और बच्चे की दो लेयर में सुरक्षा
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में लगातार जंगली हाथियों के कारण हथिनी पूनम और उसके तीन दिन के बच्चे की सुरक्षा के लिए प्रबंधन ने दो लेयर की सुरक्षा घेरा बनाया है। पहले लेयर में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कर्मचारी हाथी कैंप की चारों तरफ सुरक्षा, गश्त करते हैं।
दूसरे लेयर में बच्चों के पिता रामा के साथ तीन अन्य दो हाथी, एक हथिनी कैंप की सुरक्षा करते हैं। उसके बाद कैंप में पदस्थ कर्मचारी दिन और रात निगरानी करते हैं। लगभग 20 से अधिक अधिकारी कर्मचारी सुरक्षा में लगे हुए हैं। परिक्षेत्र अधिकारी पुष्पा सिंह हथिनी की सुरक्षा और खाने की जानकारी देती है।

पहली बार 11 वर्ष की हथिनी बनी मां
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की हथिनी पूनम का जन्म 27 जनवरी 2013 को हुआ था। पूनम की उम्र लगभग 11 वर्ष हैं। वन विभाग के अनुसार पहली बार 11 वर्ष की हथिनी मां बनी होगी। हथिनी के मां बनने की उम्र लगभग 18 से 20 वर्ष होती है।
इनका कहना है…
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उप संचालक पीके वर्मा ने बताया कि मां और बच्चे की एक माह तक विशेष निगरानी रखी जाएगी। सुरक्षा के लिए गाड़ियां और हाथी दल तैनात है। डॉक्टरों टीम लगातार निगरानी कर रही है। मां के लिए विशेष भोजन लड्डू दलिया गुड़, चना, गन्ना रोटी दी जा रही है। जंगली हाथियों से सुरक्षा के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं।
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