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काली भोंट में इस तरह छप्पर में स्कूल लग रहा था।
गुना में स्कूलों की दुर्दशा पर अब राजनैतिक आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर बमोरी विधानसभा में स्कूलों की दुर्दशा पर सवाल उठाए थे। उनके आरोपों पर अब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने
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बता दें कि जिले के बमोरी इलाके की कपासी पंचायत के काली भोंट गांव के एक स्कूल की तस्वीर सामने आई थी। यहां का प्रायमरी स्कूल 20 साल से छप्पर के नीचे लग रहा है। बारिश के दिनों में तो बच्चों को बैठने तक की जगह नहीं रहती। बच्चे खड़े रहकर पढ़ाई करते हैं। वन विभाग स्कूल की बिल्डिंग बनाने की अनुमति नहीं दे रहा है, जबकि शिक्षा विभाग ने 20 साल पहले स्कूल मंजूर किया। टीचर भी नियुक्त किए। तब कोई आपत्ति नहीं की गई। 2 बार बिल्डंग के लिए राशि मंजूर हो चुकी है।पहले 8 लाख मिले जो लेप्स हो गए। अब 11.50 लाख मंजूर होकर 1 साल से पंचायत के खाते में पड़े हैं। वन विभाग से मंजूरी न मिली तो ये भी लेप्स हो जायेंग। इतनी परेशानियों के बाद भी बच्चे टपरीनुमा स्कूल में पढ़ने आ रहे है। गर्मियों में यह स्कूल पेड़ के नीचे लगता है। सर्दी में खुले में बच्चों को टीचर पढ़ाते हैं। बारिश से पहले शिक्षक अपने खर्च पर ही टपरी तैयार करते हैं और बच्चों को पढ़ाते है, ताकि बारिश से बच सकें।
इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी चंद्रशेखर सिसोदिया ने बताया कि आदिवासी समाज को आजीविका चलाने खेती करने के लिए फॉरेस्ट ने ग्रामीणों को पट्टे दिए थे, लेकिन यहां ग्रामीणों ने घर बना लिए। जब घर बस गए हैं तो यह राजस्व ग्राम घोषित हो जाना चाहिए। राजस्व ग्राम घोषित न होने से वहां राजस्व विभाग कुछ नहीं कर पा रहा है। स्कूल की बिल्डिंग बनने के लिए सीमांकन जरूरी है, लेकिन राजस्व ग्राम न होने के कारण राजस्व विभाग सीमांकन ही नहीं का पा रहा है। यह आज भी फॉरेस्ट की जमीन है। वहीं फॉरेस्ट का कहना है कि ये तो गांव ही अवैध बसा हुआ है। इस कारण विभाग भी अनुमति नहीं दे पा रहा है।
गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इस मामले पर सवाल उठाया था। सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर उन्होंने स्कूल का फोटो शेयर कर लिखा था कि “माननीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी कृपया आपके क्षेत्र में शासकीय प्राथमिक शाला के हालात देख लीजिए। ऋषि अग्रवाल जी विधायक महाराज ना करें पर अपने को इस स्कूल के निर्माण करने के लिए एमपी शासन को आंदोलन करने के लिए नोटिस देना चाहिए।”

दिग्विजय सिंह ने X पर पोस्ट कर सवाल उठाए थे।
दिग्विजय सिंह के सवाल उठाने के बाद अब शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने X पर लिखा- “दिग्विजय सिंह जी, आपके लंबे कार्यकाल के दौरान प्रदेश और राघोगढ़ में विकास के नाम पर हुई बदहाली के बारे में सब विदित है। इसके चलते ही जनता ने आपको और आपकी पार्टी का प्रदेश से सूपड़ा साफ़ कर दिया। बाक़ी कल ही यह मामला संज्ञान में आने के बाद इसके निर्माण में बन रही बाधा का निराकरण कर दिया गया है। वन विभाग से एनओसी ले ली गई है। दो दिनों में निर्माण कार्य प्रारम्भ हो रहा है। भारतीय जनता पार्टी जो कहती है वो करती भी है! प्रशासन द्वारा त्वरित कार्यवाही करने हेतु आभार।”

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने X पर जवाब दिया।
प्रशासन ने कहा – जल्द स्कूल बनेगा
उधर इस मामले पर शुक्रवार को प्रशासन ने कहा कि जल्द ही स्कूल बन जायेगा। जनसंपर्क कार्यालय से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि विकास खण्ड बमोरी के अंतर्गत ग्राम पंचायत कपासी के गांव कालीभोंट में विगत कई वर्षो से स्कूल भवन के लिए निर्माण कार्य को प्रारंभ करने में वन भूमि होने के कारण कठिनाई आ रही थी। यह मामला कलेक्टर डॉ. सतेन्द्र सिंह के संज्ञान में आया, जिसे कलेक्टर द्वारा गंभीरता से लिया गया और इस पर कार्यवाही करने के लिए 11 जुलाई को ही जिला शिक्षा अधिकारी और वन विभाग की टीम को कालीभोंट के भ्रमण करने के निर्देश दिये गये।
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि वन विभाग द्वारा स्कूल भवन के निर्माण के लिए अनुमति न देने पर ग्राम पंचायत शाला भवन का निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा था। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी सहित वन विभाग के अधिकारियों द्वारा संयुक्त भ्रमण ग्राम कालीभोंट का किया और वन विभाग से अनुमति प्राप्त कर ग्राम पंचायत में उपलब्ध राशि से प्राथमिक विद्यालय कालीभोंट के भवन निर्माण के लिए अवरोध को दूर करते हुए ग्राम पंचायत के द्वारा कार्य प्रारंभ का रास्ता निकाला गया। अब कालीभोंट के बच्चों को कलेक्टर की पहल पर समस्या का समाधान होने के बाद पढ़ने के लिए पक्का भवन उपलब्ध हो जायेगा, जिससे वह आसानी से बैठकर पढ़ सकेंगे।
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