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जिला मुख्यालय में अब स्कूल, स्कूली समय पर नहीं बल्कि यातायात विभाग की नो-एंट्री के समय लगाए जाने के लिए निजी स्कूल संचालकों को प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम ने निर्देशित किया है। जिसकी वजह स्कूली बच्चों की सेफ्टी को बताया जा रहा है।
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दरअसल मंगलवार को पुलिस कंट्रोल रूम में एसडीएम गोपाल सोनी ने पुलिस, यातायात और निजी स्कूल संचालकों के साथ बैठक की। जिसमें उन्होंने निजी स्कूल संचालकों से नो-एंट्री के समय में शाला लगाने और छुट्टी करने के लिए समय निर्धारित करने की बात कही है।
एक जानकारी के अनुसार यातायात विभाग ने चार समय पर नो-एंट्री का समय तय किया है। जिसमें प्रातः 7 से 9, प्रातः 11 से दोपहर 12 बजे, दोपहर 1 बजे से 3 बजे और अपरान्ह 4.30 बजे से 8.30 बजे का समय निर्धारित है।
प्रशासनिक अधिकारी चाहते हैं कि इस समय पर जिस प्रमुख मार्ग पर यातायात का दबाव होता है, उस मार्ग पर संचालित स्कूल संचालक, स्कूल लगने और छुट्टी होने का समय तय करें। ताकि स्कूली बच्चों की सुरक्षा में कोई चूक ना हो।
बैठक में नगर पुलिस अधीक्षक अंजुल अयंक मिश्रा, नगर निरीक्षक प्रकाश वास्कले, यातायात प्रभारी आकाश शर्मा के अलावा स्कूल संचालक उपस्थित थे।
बच्चों की सुरक्षा पर फोकस
एसडीएम गोपाल सोनी ने बताया कि स्कूल संचालकों की बैठक लेकर हमने तय किया है कि यातायात दबाव वाले प्रमुख मार्गाें पर संचालित स्कूल, संचालक, बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर, नो-एंट्री के समय में स्कूल लगाना और छुट्टी करने का समय सुनिश्चित करें।
इसके अलावा स्कूलो में बच्चों को स्कूल लाने-ले जाने में उपयोग हो रही बसों या वाहनों के फिटनेस, वाहन में जीपीएस और स्पीड गवर्नर लगाए जाए, ताकि चालक पर स्पीड में वाहन ना चलाने का दबाव हो। उन्होंने बताया कि वाहनों में स्पीड वाहन चलाने वाले वाहन चालकों की जानकारी किस नंबर पर दी जाए। इसे भी वाहन में लिखवाया जाए।
उन्होंने कहा कि जो भी स्कूली वाहन तेज रफ्तार दौड़ेगी, उन स्कूल की बसों पर नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी।

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