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Mahakal’s devotees need accessible parking | महाकाल के भक्तों को चाहिए सुलभ पार्किंग: श्रावण में डेढ़ करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना, सिर्फ 1900 वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था – Ujjain News

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श्रावण 22 जुलाई से शुरू होगा। महाकाल के भक्तों को सुलभ पार्किंग की व्यवस्था करनी होगी। क्योंकि पिछले साल श्रावण में 2 करोड़ 5 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दर्शन किए थे। श्रावण दो माह का था। 10 सवारी निकली थी। यानी प्रतिदिन 3 लाख 75 हजार लोग दर्

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इस बार श्रावण में डेढ़ करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। महाकाल क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या वाहन पार्किंग की है। बाहर से आने वाले श्रद्धालु वाहन पार्किंग को लेकर परेशान होते रहते हैं। दरअसल, अस्थाई पार्किंग महाकाल मंदिर से दूर बनाने से बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं परेशान होते हैं। नगर निगम को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए, जिससे श्रद्धालुओं को परेशानी न हो। स्मार्ट सिटी के अधीक्षण यंत्री नीरज पांडे ने बताया कि अभी महाराजवाड़ा में भी पार्किंग बनाई है, जिसकी क्षमता सिर्फ 250 वाहनों की है। इसी तरह नीलकंठ पार्किंग में 200 वाहनों की व्यवस्था है लेकिन यह दो नई पार्किंग मिलाकर कुल 7 पार्किंग हुई, जिसमें मात्र 1900 वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था है। लाखों की संख्या में आ रहे श्रद्धालुओं के लिए तो यह नाकाफी है क्योंकि विशेष दिनों में आंकड़ा पांच लाख के ऊपर भी पहुंच जाता है।

पार्किंग की व्यवस्था
त्रिवेणी संग्रहालय
400
चारधाम
200
नृसिंह घाट
400
नीलकंठ
200
मेघदूत
250 महाराजवाड़ा
250
हाटकेश्वर धर्मशाला के सामने
200

भास्कर एक्सपर्ट – विजय डेविड, रिटायर्ड एएसपी ट्रैफिक

एक पार्किंग से दूसरी पार्किंग के बीच की दूरी कम हो

श्रावण में पार्किंग की व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि श्रद्धालुओं को कम से कम पैदल चलना पड़े। बड़े वाहन मंदिर से दूर खड़े करने की व्यवस्था करें। इसके बाद ई-कार्ट से मंदिर के पास तक लाएं। श्रद्धालुओं को 1 किमी से ज्यादा पैदल न चलना पड़े। छोटे वाहनों की मंदिर के आसपास पार्किंग की व्यवस्था बनानी होगी। जहां चौड़े डिवाइडर वाली सड़कें हैं, उस स्थान को पार्किंग में उपयोग कर सकते हैं। एक पार्किंग से दूसरी पार्किंग के बीच की दूरी कम होनी चाहिए। इन पार्किंग की पहिया वाइज कैटेगरी बनानी पड़ेगी। इनके आने-जाने का रास्ता अलग हो।

श्रावण से पहले ही पार्किंग व्यवस्था दुरुस्त कर लेना चाहिए। पार्किंग को लेकर क्या-क्या करना चाहिए, किसकी क्या ड्यूटी रहेगी आदि। क्योंकि बाहर के फोर्स भी आती हैं, उन्हें लोकल स्थान के बारे में अधिक जानकारी नहीं रहती। इनके बीच एक अनुभवी अधिकारी होना चाहिए । इसके साथ ही पार्किंग के बड़े-बड़े बोर्ड लगाने होंगे। महाकाल कोर एरिया के पास नो व्हीकल जोन बनाने होगा।

श्रावण के लिए प्लानिंग कर रहे, बैठक में चर्चा करेंगे

^पिछले साल 10 सवारी निकली थी। इस बार 7 निकलेगी। फिर भी श्रद्धालु तो बड़ी संख्या में आएंगे, उसी हिसाब से हम प्लानिंग कर रहे हैं। सभी विभागों के समन्वय से बेहतर व्यवस्था बनाएंगे। इसके लिए बैठक भी करेंगे, जिसमें सभी पहलुओं पर चर्चा की जाएगी। -मृणाल मीना, महाकाल मंदिर प्रशासक

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