The trouble of the alleged strategist of the opposition party increased; Suni_sunai; Gossip; MP; Bhopal; Dr Mohan Yadav; MP Congress; Jitu Patwari | कांग्रेस ने बदला कैंटीन का नाम, दो IAS की किरकिरी: अधिकारियों पर रेत माफिया की निगरानी; मुश्किल में विरोधी दल के कथित रणनीतिकार – Bhopal News

चुनावी हार के बाद कांग्रेस में रिफॉर्म का काम तेजी से चल रहा है। दफ्तर की बाउंड्री वॉल से लेकर कमरों के इंटीरियर डेकोरेशन का खासा ख्याल रखा जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष के लिए इस बार बड़ा कक्ष तैयार कराया जा रहा है।
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कांग्रेस में बदलाव के बीच कैंटीन शुरू की गई है। पार्टी नेताओं का दावा है कि कांग्रेस की कैंटीन में बीजेपी की कैंटीन से कम दरों पर भोजन मिल रहा है। इस कैंटीन का नाम पहले मां रेवा कैंटीन रखा गया। उद्घाटन के ठीक पहले कैंटीन के नाम के साथ इंदिरा कैंटीन जोड़ा गया।
भैया इनके टिकट का ध्यान रखना..
विधानसभा में बजट पर चर्चा चल रही थी। विरोधी दल के एक कद्दावर आदिवासी विधायक बोल रहे थे। लेकिन, रात तक चली चर्चा में उनका भाषण लंबा हो गया। जिस पर स्पीकर ने टोका और अगले विधायक का नाम चर्चा के लिए पुकारा।
युवा विधायक बोलने के लिए खडे़ हुए लेकिन, आदिवासी विधायक ने बोलना बंद नहीं किया। स्पीकर ने जैसे-तैसे उन्हें बोलने से रोका। फिर युवा विधायक ने कहा बडे़ भैया चुनाव समिति में हैं। आगे मेरे टिकट का मामला भी इन्हीं को देखना है। ये सुनकर स्पीकर खूब हंसे और आदिवासी विधायक से कहा भैया अगली बार इनके टिकट का ध्यान रखना।

अफसरों के घरों की निगरानी करते हैं रेत माफिया
यूपी की बॉर्डर से सटे एमपी के एक जिले में रेत माफिया इतने पावरफुल हैं कि अफसरों के घरों की निगरानी करने के लिए पूरी फौज तैयार कर रखी है। एसडीएम, तहसीलदार जैसे ही अपने घर से निकलते हैं कि रेत माफिया की बाइक गैंग तुरंत एक्टिव होती है। रेत का अवैध परिवहन करने वाले ट्रैक्टर्स तक अफसरों की गाड़ी के मूवमेंट की लोकेशन भेज दी जाती है। ऐसे में अवैध रेत परिवहन को रोक पाना मुश्किल साबित हो रहा है।

पूर्व स्पीकर के परिवार ने खरीदी जमीन, पैसे कम दिए
एमपी विधानसभा के पूर्व स्पीकर का परिवार विवादों में हैं। पूर्व स्पीकर साहब के परिवार ने सिटी हेडक्वार्टर पर जमीन खरीदी। लेकिन, जमीन बेचने वाले परिवार ने पूर्व स्पीकर साहब की पत्नी और बहू के नाम पर खरीदी गई जमीन के एवज में तय रकम नहीं देने का आरोप लगाया है।
जमीन बेचने वाले परिवार ने थाने में लिखित शिकायत भी की है। लेकिन नेता जी अभी भी पावरफुल हैं। लिहाजा पुलिस कार्रवाई करने के बजाय साइलेंट मोड पर है।
विरोधी दल के कथित रणनीतिकार मुसीबत में
विधानसभा और लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं को खोजकर टिकट दिलाने का दावा करने वाले विरोधी दल के कथित रणनीतिकार मुसीबत में पड़ते दिख रहे हैं। इनके खिलाफ पुलिस में शिकायत हुई है। इन्होंने यूपी के एक नेता जो बॉर्डर पर एमपी की एक विधानसभा से चुनाव लड़ने के इच्छुक थे। उन्हें टिकट दिलाने का भरोसा दिया और पैसे ले लिए।
जब विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिला तो लोकसभा प्रत्याशी बनवाने का आश्वासन दे दिया। जब लोकसभा चुनाव में भी कुछ हाथ नहीं लगा तो यूपी वाले नेता जी ने पुलिस को शिकायत कर एफआईआर दर्ज करने की गुहार लगाई है।
विरोधी दल के इस कथित रणनीतिकार ने टिकट दिलाने के नाम पर जिन नेताओं को झांसे में लिया था। उनके वीडियो भी सामने आ रहे हैं। ये वही रणनीतिकार हैं जो खुद को पार्टी के एक दिग्गज नेता का सबसे खास बताते हैं। फिलहाल इनकी कलई खुलने से मुसीबतें बढ़ती नजर आ रहीं हैं।
हाउसिंग बोर्ड देखा आए, लेकिन अभी आदेश नहीं आया…
लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में पदस्थ आईएएस अफसरों को फील्ड पोस्टिंग मिलने की उम्मीद बढ़ी है। इसी उम्मीद के चलते पिछले दिनों एक आईएएस अफसर राजधानी के हाउसिंग बोर्ड दफ्तर पहुंच गए। तब यह कयास लगाए गए थे कि पोस्टिंग के पहले यह अफसर यहां माहौल देखने आए हैं।
इस बीच राज्य सरकार ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में पदस्थ दो अन्य आईएएस अफसरों को मंत्रालय में पदस्थ कर उनकी नई पोस्टिंग के संकेत दिए हैं। लेकिन, जो अधिकारी हाउसिंग बोर्ड के दफ्तर पहुंचे थे, अभी उन्हें मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में ही रखा गया है। उन्हें लेकर फिलहाल कोई आदेश नहीं आया है।
अब देखना है कि इन अधिकारी को सरकार फील्ड पोस्टिंग देती है या मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में पदस्थ रखती है।
सदन में दो आईएएस अफसर की हुई जमकर किरकिरी
प्रदेश में विधानसभा का मानसून सत्र दो सीनियर आईएएस अफसरों की किरकिरी कराने वाला साबित हुआ है। यह अफसर विपक्ष के निशाने पर इस कदर हैं कि सदन में नर्सिंग घोटाले को लेकर चर्चा के दौरान विधायकों ने खुलकर इनके नाम लिए और कार्यवाही करने की मांग भी की।
इनमें से एक अफसर पिछले 4 साल से स्वास्थ्य विभाग के मुखिया के तौर पर काम कर रहे हैं जबकि दूसरे अधिकारी इन दिनों उच्च शिक्षा विभाग में महत्वपूर्ण पद पर बैठे हैं।
सदन में हुई टिप्पणियों के बाद दोनों ही अफसरों की सांसें फूली हैं। आने वाले दिनों में सरकार इनके खिलाफ बड़ा एक्शन ले सकती है, यह संकेत भी मिल रहे हैं।
और अंत में…

पुलिस कप्तान को सोशल मीडिया पर देनी पड़ी सफाई
प्रदेश के एक बड़े शहर में एक युवक ने एक युवती की चाकू मारकर हत्या कर दी। हत्या करने वाला युवक विशेष समुदाय से है। लिहाजा आरोपी के नाम से सोशल मीडिया पर घटना प्रचारित की जाने लगी।
सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं आने लगी तो जिले के पुलिस कप्तान को सफाई देनी पड़ी। उन्होंने सोशल मीडिया पर ही प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि मृतका और आरोपी दोनों एक ही समुदाय के हैं। आरोपी को हिरासत में लेकर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
कप्तान साहब ने भले ही सफाई दे दी हो लेकिन, सोशल मीडिया पर यह घटना आग की तरफ फैल रही है।
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