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पालकों को गुमराह कर स्कूल चला रहे संचालकों पर प्रशासन का शिकंजा कसता जा रहा है। गुरुवार को एसडीएम के नेतृत्व में गठित जांच दल समिति ने तहसीलदार भूपेन्द्र अहिरवार के नेतृत्व में स्कूलों के सीबीएसई एफिलिएशन नंबर पर स्कूल को सीबीएसई का बताकर पालकों को ग
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सरस्वती नगर स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल और मयूर टॉकीज रोड स्थित किड्स क्लाउड स्कूल में पहुंचकर टीमों ने मान्यता और अन्य दस्तावेजों की जांच की। इसके अलावा जिले के हट्टा के विक्रम हायर सेकेंडरी स्कूल की जांच नायब तहसीलदार कर रहे हैं। तहसीलदार भूपेन्द्र अहिरवार ने स्कूल संचालकों के साथ स्कूल का पूरा निरीक्षण किया।
गौरतलब है कि उक्त स्कूलों पर एमपी बोर्ड की मान्यता होने के बावजूद स्वयं को सीबीएसई स्कूल बताकर पालकों को गुमराह करने का आरोप हैं। दरअसल, इन स्कूलों से 8वीं पासआउट बच्चे, जब शासन के सीएम राइज स्कूल में नवमी कक्षा में प्रवेश लेने पहुंचे तो प्रवेश के दौरान, एमपी बोर्ड की मान्यता अनुरूप स्कूलों की अंकसूची और अन्य दस्तावेज, बच्चे उपलब्ध नहीं करवा सके।

जिसके बाद जानकारी लेने पर यह पता चला कि जिस किड्स क्लाउड और दिल्ली पब्लिक किड्स स्कूल के यह बच्चे हैं, उन्होंने एमपी बोर्ड की मान्यता के बावजूद नियमानुसार बोर्ड परीक्षा नहीं कराई और अन्य सीबीएसई स्कूल के एफ्लीलेशन नंबर का अपने स्कूल के बोर्ड में उपयोग कर पालकों को गुमराह कर रहे हैं।
मामला सार्वजनिक होने पर प्रशासन ने इस गंभीरता से लेकर एसडीएम के नेतृत्व में जांच समिति गठित करके तीन दिनों में रिपोर्ट मांगी है।

इनका कहना है
कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा ने बताया है कि स्कूलों की जांच एसडीएम के नेतृत्व में गठित जांच समिति कर रही है। जांच रिपोर्ट आने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। जरूरत पड़ी तो मान्यता भी रद्द की जाएगी।

तहसीलदार भूपेंद्र अहिरवार ने बताया है कि किड्स क्लाउड स्कूल की जांच हो गई है। अभी दिल्ली पब्लिक किड्स स्कूल की जांच चल रही। मान्यता और अन्य संबंधित दस्तावेज के अलावा स्कूल की व्यवस्था को भी देखा जा रहा है।

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