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हेमोफैगोसाइटिक लिम्फो हिस्टियोसाइटोसिस (एचएलएच) से पीड़ित एक बच्ची के इलाज के लिए दमोह के रहने वाले विप्लव चौरासिया इन दिनों भोपाल में सीएम से मदद की गुहार लगाने आए हैं। उन्होंने बताया कि उनकी चार साल की बेटी तान्या चौरसिया को एचएलएच (हेमोफैगोसाइटिक ल
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बेटी के इलाज के लिए 15 लाख रुपए की जरूरत है। जिसके चलते मैं लगातार सीएम और कई अन्य मंत्रियों से गुहार लगाने आया हूं। हालांकि, अभी तक सभी जगह से निराशा ही हाथ लगी है। मगर कोशिश कर रहा हूं। बता दें कि विप्लव चौरसिया पेशे से एक किसान हैं वह दमोह के सिंहपुर गांव के रहने वाले हैं।
50 हजार में से एक बच्चे को होती है बीमारी
एम्स भोपाल में डिपार्टमेंट ऑफ पीडियाट्रिक में एडिशनल प्रोफेसर डॉक्टर नरेंद्र चौधरी कहते हैं कि यह बीमारी बहुत ही दुर्लभ बीमारी है, आम तौर पर यह बीमारी हर 50 हजार में से एक बच्चे को होती है। सामान्यतः: देखा गया है कि यह एक जेनेटिक बीमारी है, जिसका इलाज बोर्न मेरो ट्रांसप्लांट से किया जाता है। इसमें मरीज को एस्टेरॉइड और कीमो की भी जरूरत पड़ती है। वहीं बच्ची को इसके साथ ग्रीसेली सिंड्रोम भी है, इसकी वजह से बच्चों की इम्यूनिटी डिस्टर्ब्ड होती है।

चार साल की तान्या।
एक बेटी की इस बीमारी से हो चुकी है मौत
विप्लव चौरसिया कहते हैं कि यह रेयर बीमारी है। आम तौर पर इसमें बुखार आता है और यह बुखार 105 तक पहुंच जाता है। इसके लिए मैं तान्या का कीमो करवा रहा हूं, उसका इलाज नागपुर न्यू ईरा हॉस्पिटल नागपुर में चल रहा है। इससे पहले मेरी एक बेटी आयुषी चौरसिया की तीन साल की उम्र में इस बीमारी से मौत हो चुकी है। उसका इलाज जबलपुर मेडिकल कॉलेज में चल रहा था। उसकी डेथ साल 2019 में हुई थी, उसके बाद तान्या जब 1 साल की हुई तो हमें पता चला कि तान्या को भी एचएलएच है। जिसका इलाज हम इन दिनों करवा रहे हैं।
एचएलएच के बारे में
नरेंद्र चौधरी कहते हैं कि हेमोफैगोसाइटिक लिम्फो हिस्टियोसाइटोसिस को हम साधारण भाषा में एक तरह का बल्ड सेल्स कह सकते हैं। जो शरीर को प्रोटेक्ट करने की बजाय अपनी ही सेल्स को खाने लगता है, जिससे कि मरीज की इम्यूनिटी कम होने लगती है। इसके इक्का दुक्का मरीज पहले भी आ चुके हैं आम तौर पर यह बच्चों में ही पाई जाती है। यह जेनेटिक होती है। इसमें स्किन और हेयर के कलर के एग्जामिनेशन से हम इसके बारे में पता कर सकते हैं।
एचएलएच लक्षण
- बुखार।
- पीलिया (त्वचा और आंखों का पीला पड़ना)।
- बढ़ी हुई तिल्ली।
- सांस की परेशानी।
- आसान आघात।
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