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ट्रैफिक पुलिस ने स्कूल बसों की चेकिंग की। इमरजेंसी विंडों की जगह सीटिंग थी।
शैक्षणिक सत्र के साथ ट्रैफिक पुलिस ने रस्म अदायगी का काम शुरू कर दिया है। एक दिन पहले स्कूली ऑटो-रिक्शा को रोककर चेकिंग की गई। इस दौरान चालानी कार्रवाई भी की। खफा हुए ऑटो वालों ने बुधवार को हड़ताल कर दी। वहीं ट़्रैफिक पुलिस ने दूसरे दिन बुधवार को स्कू
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ट्रैफिक पुलिस ने उन्हें समझाइश देकर छोड़ दिया। हिदायत दी कि सीटें हटा ली जाए, दोबारा चेकिंग में सीटें मिली तो चालान काट देंगे। उधर, पुलिस की चालानी कार्रवाई से नाराज ऑटो यूनियन ने हड़ताल कर दी है। ऑटो के पहिये थमने से स्कूली बच्चों और पेरेंट्स को परेशानी का सामना करना पड़ गया। ऑटो वाले भी क्षमता से ज्यादा बच्चों को बैठाकर चलते है। इससे हादसे का खतरा रहता है। पुलिस की कार्रवाई वाजिब है लेकिन स्कूलों द्वारा संचालित बसों में भी नियम-कायदे देखना चाहिए।
ऑटो यूनियन संगठन उपाध्यक्ष संजू मिश्रा ने कहा कि पुलिस ने दो से ढाई हजार तक चालान बनाए। कई ऑटो चालकों के कागजात पूरे थे इसके बावजूद उनके भी चालान काटे गए। टीआई से पूछा तो उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री के आदेश है इसलिए कार्रवाई तो होगी। ऐसी स्थिति में हड़ताल करने का फैसला लिया। वहीं, नेता प्रतिपक्ष मुल्लू राठौर ने कहा, कार्रवाई करने वालों के हाथ अमीरों की नहीं सिर्फ गरीबों की कालर तक पहुंचते हैं। ऐसी कार्रवाई का मैं विरोध करता हूं।
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