अजब गजब

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गौहर/दिल्ली: ज़्यादातर एथलीटों के लिए ओलंपिक उनकी यात्रा का शिखर होता है और वह लक्ष्य होता है, जिसके लिए वे हमेशा काम करते रहते हैं. इन्हीं सब एथलीटों में से एक एथलीट ऐसे भी हैं, जिनकी कहानी बेहद रोचक और प्रेरणादायक है और वह भारत के सर्वश्रेष्ठ 10 मीटर एयर राइफल शूटर बने. लोकल 18 से बात करते हुए शूटर संदीप सिंह ने बताया कि वह पंजाब के जिला फरीदकोट के रहने वाले हैं और काफी छोटी उम्र में ही वह सेना में शामिल हो गए थे. इस वक्त वह सेना में नायब सूबेदार के पद पर हैं, जिसके बाद उन्होंने सेना में रहते हुए ही शूटिंग की प्रैक्टिस शुरू की.


पिता करते थे मजदूरी

संदीप ने बताया कि सेना में नौकरी लगने के बाद उन्होंने अपने घर का खर्च उठाना तो शुरू कर दिया था. लेकिन इनके पिताजी उससे पहले घर का खर्च मजदूरी और खेती बाड़ी करके चलाते थे, जिसमें इनके भाई भी मोटर साइकिलों को ठीक करके अपने पिताजी का हाथ बंटाते थे.

संदीप ने Local18 को आगे बताया कि 2019 में डोपिंग का आरोप लगने के बाद उन्हें पहली बार अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था. संदीप को लगा कि उनके सभी सपने खत्म हो गए हैं. फिर कोविड महामारी के कारण उनकी सुनवाई में देरी होने के बाद अंततः उन्हें दो साल के लिए निलंबित कर दिया गया. इसके बाद सबसे पहले उन्हें उनकी यूनिट-10 सिख लाइट इन्फैंट्री में वापस भेज दिया गया, जो 2021 में सियाचिन में तैनात थी. फिर उन्हें फतेहगढ़, उत्तर प्रदेश में तैनात किया गया, जहां उन्होंने नए रंगरूटों को राइफल चलाने का प्रशिक्षण दिया.

यहां से मुड़कर नहीं देखा पीछे
संदीप ने कहा कि उन्होंने अपने सीनियर्स से कहा कि मुझे 2023 में दो ट्रायल्स में इस शर्त के साथ हिस्सा लेने की इजाजत दी गई कि अगर मैं फेल हुआ, तो दोबारा शूटिंग नहीं करूंगा. लेकिन फिर मैंने दोनों परीक्षणों में अच्छा प्रदर्शन किया और उसके बाद से चीजें बेहतर हो रही हैं. इसके तुरंत बाद, उन्होंने कुमार सुरेंद्र सिंह प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक और फिर 2023 के राष्ट्रीय खेलों में रजत पदक जीता. इसके बाद उन्हें जल्द ही एएमयू में वापस बुला लिया गया.

संदीप ने यह भी बताया कि उन्हें अपनी जगह बनाए रखने के लिए संघर्ष करना पड़ा. उन्होंने चार ओलंपिक ट्रायल में पूर्व विश्व चैंपियन रुद्राक्ष पाटिल को भी पछाड़ दिया और अब उन्होंने पेरिस खेलों में 10 मीटर राइफल प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए महत्वपूर्ण स्थान अर्जित कर लिया है. उन्हें यकीन है कि इस बार वह अपने देश के लिए मेडल जरूर लाएंगे और अपने देश का नाम ओलंपिक में रोशन करेंगे.

Tags: Delhi news, Local18, Success Story


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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