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बीते साल की तरह इस बार भी जिले में औसत बारिश कम दर्ज की गई। जुलाई के दौरान जिले में 140.1 यानी 7.8 इंच बारिश हुई है। जबकि गत वर्ष इस दौरान 77.8 (3.1 इंच) पानी बरसा था।
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बीते 24 घंटे के दौरान जिले में मानसून का सिस्टम सक्रिय है और आसमान में घने बादल छाए हुए है। हालांकि हवाओं के बीच महज रिमझिम से अधिक बारिश नहीं हो पा रही। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार जुलाई के पहले सप्ताह के बाद बेहतर बारिश का अनुमान है।
भू अभिलेख कार्यालय के अनुसार जिले में बीते 24 घंटे के दौरान औसत 7.8 मिमी बारिश दर्ज की गई। इस दौरान वरला में 34.1 चाचरियापाटी में 24 सेंधवा में 18 और पानसेमल में 3 मिमी पानी बरसा। जबकि बड़वानी, पाटी, अंजड़, ठीकरी, में आंकड़ा शून्य रहा और बादल छाए रहे। उधर खेतों में खरीफ सीजन की बोवनी का सिलसिला अब भी 50 फीसदी रुका हुआ है।
जिले में अब तक एक बार मात्र तेज बारिश हुई है। उसके बाद डेढ़ सप्ताह अधिक समयावधि में तापमान तेज रहा। धूप-उमस से खेतों में नमी सूखने लगी। वहीं इन दिनों इंदिरा सागर की नहरों में पानी रोकने से किसानों के सामने अलग समस्या खड़ी हो गई है।
मंगलवार को सुबह धूप-बादल का दौर चला। उसके बाद हवाओं के साथ बूंदाबांदी हुई। वहीं दोपहर 11 बजे तक आसमान में बादलों की मौजूदगी बनी रही। अब तक पर्याप्त बारिश नहीं होने से वातावरण में उमस-गर्मी का असर भी बना हुआ है।
मानसून के सीजन को लेकर बाजार में प्लास्टिक की बरसाती की बिक्री तेज हो गई है। मंगलवार को शहर व ग्रामीण क्षेत्र के लोग अपनी आवश्यकता के हिसाब से खरीदी करते नजर आए। 40 रुपए से लेकर 120 रुपए मीटर तक बरसाती बिकी।
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