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चांद से तो ले आए मिट्टी, मगर अब क्या? दुनिया भर के वैज्ञानिकों को बुला रहा है ड्रैगन, चीन-US में फंसा ये कैसा पेंच?

बैंकॉक. चीन का चांग ई-6 अपना मून मिशन कंप्लीट कर वापस लौट चुका है. चीन ने गुरुवार को धरती पर लाए हुए नमूनों की स्टडी के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिकों को बुलाया है. के अंतरिक्ष अधिकारियों ने बताया कि अध्ययन के लिए वे दुनियाभर के वैज्ञानिकों का स्वागत करते हैं, लेकिन अन्वेषण की इस प्रक्रिया में कुछ सीमाएं हैं, विशेषरूप से अमेरिका के साथ.

सफल मून मिशन के बाद चीन के अधिकारियों उपलब्धियों को गिनाने के लिए बीजिंग में आयोजित एक टेलीविजन कांन्फ्रेंस आयोजित किया था. सम्मेलन में उन्होंने बताया कि अमेरिका के साथ किसी भी तरह का सहयोग, नासा के साथ प्रत्यक्ष द्विपक्षीय सहयोग पर प्रतिबंध लगाने वाले अमेरिकी कानून को हटाने पर निर्भर होगा. चीन के नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन के डिप्टी चेयरमैन बियान झिगांग ने बताया, ‘अमेरिक-चीन अंतरिक्ष सहयोग में बाधा की जड़ वुल्फ संशोधन में बरकरार है.’

झिंगाग ने बाताया, ‘अगर अमेरिका वास्तव में नियमित अंतरिक्ष सहयोग शुरू करना चाहता है तो मुझे लगता है कि उन्हें इस बाधा को दूर करने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए.’ वुल्फ अमेंडमेंट 2011 में प्रभावी हुआ था. यह संशोधन अमेरिका और चीन के बीच केवल उन द्विपक्षीय सहयोग को मंजूरी देता है, जिसमें एफबीआई यह प्रमाणित कर सके कि कार्य के दौरान चीनी पक्ष के साथ सूचना साझा करने से राष्ट्रीय सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है.

चीन अन्य देशों के वैज्ञानिकों के साथ चांद से लाए गए नमूनों की स्टडी में सहयोग ले सकता है, पर अमेरिका से पेंच फंसा हुआ है. चांग ई-6 अभियान में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी, फ्रांस, इटली और पाकिस्तान ने चीन के साथ मिलकर काम किया है. चीन नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन के अंतरराष्ट्रीय सहयोग कार्यालय के निदेशक लियू युनफेंग ने बताया, ‘चीन सभी देशों के वैज्ञानिकों का अन्वेषण में स्वागत करता है और उनके साथ जानकारियां साझा करेगा.’

Tags: China, Mission Moon


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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