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पन्ना जिले के अजयगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के तत्कालीन बीएमओ डॉ केपी राजपूत सहित तीन कर्मचारियों पर धोखाधड़ी कर शासकीय पैसे गबन के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है।
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उन्होंने कोरोना काल में पांच लाख रुपए की शासकीय राशि की हेराफेरी अपने कुछ सहयोगी कर्मचारियों के साथ मिलकर की थी। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार के सुरक्षा संगठन मंत्री की शिकायत के आधार पर यह मामला उजागर हुआ और पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।
जानकारी के अनुसार अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार सुरक्षा संगठन के जिला महामंत्री सुरेश कुमार ने पन्ना एसपी को शिकायत कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अजयगढ़ के तत्कालीन बीएमओ सहित अन्य लोगों पर शासकीय राशि के गबन का आरोप लगाया था।
एसपी के निर्देश पर एसडीओपी ने जांच की, जिसमे केपी राजपूत ने अपने कार्यकाल 2016 से जनवरी 24 तक रोगी कल्याण समिति के सचिव रहते फल, सब्जी, दूध, किराना दुकान संचालकों के नाम पर फर्जी बिल तैयार कर विभिन्न खातों में 5 लाख रुपए डलवाकर बाद में उनसे यह पैसे लेकर खुद रख लिए। शासकीय राशि के गबन में उनके साथ अकाउंटेंट वीरेंद्र कुमार अहिरवार, ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर रुचि शर्मा और डॉ. राजपूत के भतीजे दीपक राजपूत भी शामिल रहे।
इन पर हुई कार्रवाई
जांच प्रतिवेदन पर अजयगढ़ पुलिस ने तत्कालीन बीएमओ डॉ. केपी राजपूत, अकाउंटेंट वीरेंद्र अहिरवार, ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर रुचि शर्मा और दीपक राजपूत के खिलाफ धोखाधड़ी, शासकीय राशि के गबन सहित विभिन्न धाराओं में अपराध दर्ज कर लिया है।
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