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छिंदवाड़ा के परासिया अस्पताल में दुर्लभ बीमारी वाले बच्चे का जन्म हुआ है। बच्चे को हार्लेक्विन इचिथोसिस बीमारी है। अनुवांशिक रोग के इस तरह के मामले पांच लाख में से एक बच्चे को होते हैं। परासिया में दो साल में दूसरी बार इस तरह का बच्चा जन्मा है। इससे प
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परासिया अस्पताल में वार्ड तीन की महिला को प्रसूति के लिए भर्ती किया गया था। महिला ने जिस बच्चे को जन्म दिया, उसको देखकर सभी अचंभित रह गए। बच्चे की त्वचा सफेद पपड़ीदार हैं। आंख – होंठ लाल हैं।
आमतौर पर इस तरह के बच्चे जीवित नहीं रह पाते। लेकिन, बेहतर देखरेख से व्यस्क हो सकते हैं। अस्पताल में चिकित्सक डॉक्टर शशि अतुलकर ने बताया कि हार्लेक्विन इचिथोसिस एक अनुवांशिक बीमारी है। 2016 में पहली बार देश में इस तरह का बच्चा नागपुर में जन्मा था। इसके बाद अन्य राज्यों में भी इस तरह के बच्चे जन्मे हैं।
इस बच्चे को छिंदवाडा रेफर कर दिया गया है। चांदामेटा हॉस्पिटल की नर्सिंग ऑफिसर स्वाति विश्वकर्मा ने बताया कि नवंबर 2022 में हार्लेक्विन इचिथोसिस से पीड़ित बच्चे का जन्म चांदामेटा में हुआ था।
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