Indore News: Due To Code Of Conduct, Malwa Festival Was Organized In The Rain Instead Of Summer, Danced While – Amar Ujala Hindi News Live

बारिश की भेंट चढ़ी मालवा उत्सव की प्रस्तुती।
– फोटो : अमर उजाला
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प्रदेश सरकार के सालाना आयोजन मालवा उत्सव मेले को इस बार इंदौर में मानसून सीजन में लगा दिया। उसका खामियाजा देशभर से आए कलाकारों और हस्थ शिल्पियों को उठाना पड़ रहा है। उत्सव के पहले दिन बारिश की भेंट चढ़ पाया। न ठीक से मंच पर प्रस्तुतियां हो सकी, न स्टाॅल पर हस्तशिल्प बिके। अब बचे चार दिन अलग-अलग प्रांतों से आए लोगों को अपने उत्पाद बिकने की आस है।
आमतौर पर मालवा उत्सव अप्रैल या मई माह मेें आयोजित होता रहा है। इसके लिए सांस्कृति विभाग, इंदौर विकास प्राधिकरण, नगर निगम से अनुदान मिलता है। इंदौर में मालवा उत्सव की कमान लोक संस्कृति मंच ने संभाल रखी है।
इस मंच के कर्ता-धर्ता सांसद शंकर लालवानी खुद है। उनका कहना है कि आचार संहिता के कारण गर्मी के समय मेला नहीं लग पाया। इसे जून माह में लगाया गया है। बारिश से बचने के इंतजाम भी किए गए है।
एक ही नृत्य हो पाया, बगैर प्रस्तुती के लौटे कलाकार
लालबाग पैलेस में लगे मालवा उत्सव के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर की प्रतिकृति वाला मंच भव्य मंच बनाया गया है। बुधवार को उत्सव की औपचारिक शुरूआत की गई। इसके बाद गुजरात से आए कलाकारों ने सिद्धि धमाल नृत्य शुरू ही किया था कि बारिश शुरू हो गई।
आधी-अधूरी प्रस्तुती देकर कलाकार मंच से उतर गए। बारिश आधे घंटे तक नहीं रुकी। इस बीच मंच की लाइट बंद कर दी गई। नृत्य देखने आए लोग भी बारिश से बचने के लिए इधर-उधर भागने लगे। अपनी प्रस्तुती के इंतजार में अलग-अलग प्रांतों से आए कलाकारों को मायूस होकर लौटना पड़ा।
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