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सफलता प्रथम बार में नहीं मिलती, बल्कि छोटे-छोटे सधे हुए प्रयासों से प्राप्त होती है। संत हिरदाराम इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट की छात्राओं ने प्लेसमेंट के नए कीर्तिमान बनाए हैं, जो छात्राएं कॉर्पोरेट जगत में सफल होती हैं, उनको अपने संस्थान में आकर वर्तमा
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छात्राओं की सफलता की यात्रा को साझा करने के लिए संस्थान में एक सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें पूर्व छात्रा शीतल चंद्रवंशी ने विभिन्न अनुभवों को विस्तार से साझा किए। कॉर्पोरेट जगत की चुनौतियों एवं उनके समाधान के बारे में विस्तृत रूप से बताते हुए कहा कि कैसे हिंदी माध्यम से पढ़ी हुई सीहोर की छात्रा ने अपने आप में बदलाव महसूस किया। उन्होंने कहा कि मैनेजमेंट फेस्ट, क्लब एक्टिविटी, इंटर्नशिप, इंडस्ट्री विजिट, कैप्सूल ट्रेनिंग से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। इन गतिविधियों के माध्यम से जो भी सीखने को मिलता है, वो कॉर्पोरेट वर्ल्ड में बहुत उपयोगी होता है।
अपनी सफलता का श्रेय उन्होंने संस्थान के प्राध्यापकों को दिया। मुंबई में फाइनल प्लेसमेंट ज्वाइन करने के फैसले ने करियर को एक नया मोड़ दिया। उन्होंने अध्ययनरत छात्राओं से कहा कि मैनेजमेंट एजुकेशन में प्रैक्टिकल अप्रोच का होना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। उदाहरणों के माध्यम से उन्होंने छात्राओं को मोटिवेट किया, जिससे उनको नई जानकारी प्राप्त हुई। छात्राओं से अधिक से अधिक सीखने का आव्हान किया, जिससे कि हर कदम पर सफलता हासिल हो सके। इस तरह के कॉर्पोरेट वर्ल्ड के अनुभवों को शेयर करने से अध्ययनरत छात्राओं को प्रैक्टिकल नॉलेज मिलता है, जो उनके प्लेसमेंट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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