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इंदौर में अहिंसास,अमरावती इंदौर शाखा 80वीं आनलाइन ऑडियो काव्य गोष्ठी का आयोजन शनिवार को किया गया। काव्य गोष्ठी की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई। इस ऑनलाइन काव्य गोष्ठी में हम करें देश का वंदन अभिनंदन, विश्व करें भारत मां का गुरु वंदन विषय पर अतिथियों न
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काव्य गोष्ठी के विषय को केंद्र में रख कर अध्यक्ष डॉ, बनवारीलाल जाजोदिया “यथार्थ” ने मातृ भूमि की महत्ता पर अपने विचार रखे। अनेकता में एकता भारत की पहचान है। समभाव, मानवता, एकता , भाईचारे के कारण विश्व में भारत विशिष्ट स्थान रखता हैं। भारत मां के लिए हम सब नतमस्तक हैं। विभिन्न खान पान, विविध वेशभूषा के संग भारत गौरवशाली राष्ट्र हैं, जिस पर पूरा विश्व आश्चर्य चकित हैं।
आनलाइन काव्य गोष्ठी में सरस्वती वंदना आशा जाखड़ ने की। स्वागत गीत शोभा रानी तिवारी ने प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि का परिचय डॉ. राजेंद्र खरे ने और सम्मान- पत्र का वाचन अशोक द्विवेदी ने किया।संचालन का भार वरिष्ठ साहित्यकार राजकुमार हांडा ने संभाला। आभार दिनेश दवे और राजेंद्र खरे ने माना। काव्य गोष्ठी संपन्न कराने में नीति अग्निहोत्री का सहयोग सराहनीय और महत्व पूर्ण रहा।
इस विशेष काव्य गोष्ठी में मुख्य अतिथि डॉ. संगीता बंजारा, असिस्टेंट प्रो,हिंदी विभाग ठाकुर शोभा सिंह शासकीय महाविद्यालय, पत्थलगांव जिला जसपुर,छत्तीसगढ़ से थी। आपका शिक्षा जगत में एक जाना पहचाना नाम है। उन्होंने छत्तीसगढ़ की गुरु घासीदास विश्वविद्यालय से पीएचडी प्राप्त की। साहित्य के प्रति आपका समर्पण प्रणम्य है। मातृ भूमि को प्रणाम करते हुए उन्होंने कहा कि भारत का सम्मान पूरा विश्व करता है। आपको भारतीय होने पर गर्व है। फूलों की हर कली खुशबू दे आपको, सूरज की हर किरण रोशनी दे आपको पंक्तियों के साथ उन्होंने संपूर्ण काव्य मनीषियों को उनके साहित्य अनुराग के लिए शुभकामनाएं दी।
काव्य गोष्ठी में प्रमुख रूप से रचना पाठ करने वाले काव्य मनीषी नीति अग्निहोत्री, मीना अग्रवाल, संतोष तोषनीवाल, शेषनारायण चौहान, राजकुमार हांडा, डाॅ. राजगोस्वामी, शिशिर देसाई, डॉ. मनोहर गोरे, जयप्रकाश अग्रवाल, मनीराम शर्मा, अरविंद श्रीवास्तव, शिरोमणि माथुर, रशीद अहमद शेख, डॉ. मनीष खरगोनकर, डॉ. बनवारीलाल जाजोदिया, दिनेश दवे, हुकुमचंद कटारिया, महेंद्र शर्मा, सोनल सीकर, डॉ. संगीता बंजारा, बरखा बंसल, डॉ. विजय लक्ष्मी, अनु निर्मल सिंघल, अनिल वर्मा, राजेंद्र प्रसाद पसारी उपस्थित थे।
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