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घायल व्यक्ति
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
छतरपुर में बमीठा थाना क्षेत्र के ग्राम पहरा में जमीनी रंजिश के चलते एक व्यक्ति पर कुल्हाड़ी से प्राण घातक हमला किए जाने की घटना सामने आई है। बताया गया है कि जिस वक्त हमला हुआ, उस वक्त घायल नित्य क्रिया के लिए खेतों की ओर जा रहा था। घायल के भाई की शिकायत पर बमीठा पुलिस ने मामले को संज्ञान में लेकर जांच शुरू कर दी है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, पहरा निवासी 40 वर्षीय संतोष पुत्र गोरेलाल बुनकर शनिवार सुबह करीब छह बजे नित्य क्रिया के लिए खेतों की ओर जा रहा था। इसी दौरान रास्ते में पहले से घात लगाए बैठे गांव के ग्यादीन बुनकर और संतोष बुनकर ने कुल्हाड़ी से उसके ऊपर हमला कर दिया। संतोष के सिर, आंख और पैर में गंभीर घाव होने के कारण वह घटना स्थल पर ही बेहोश हो गया था और उसे मरा हुआ समझकर आरोपी मौके से भाग निकले। जैसे ही घटना की जानकारी संतोष के परिजनों को लगी वे तत्काल उसे बमीठा अस्पताल ले गए। साथ ही पुलिस को सूचना दी। संतोष को गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल रेफर किया गया है।
वहीं, बमीठा पुलिस ने दोनों आरोपियों पर मामला दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है। संतोष के परिजनों ने बताया कि आरोपियों के साथ उनका जमीन विवाद चल रहा है और इसी रंजिश के चलते उनके द्वारा घटना को अंजाम दिया गया है।
लापता बेटी की पुलिस नहीं लगा सकी पता
छतरपुर में पिछले आठ दिनों से लापता एक लड़की का पिता लगातार अधिकारियों के चक्कर काटकर बेटी को खोजने की गुहार लगा रहा है। उसका आरोप है पुलिस के द्वारा मामले को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। उसे जिन लोगों पर बेटी को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने का संदेह है, उनके नाम पुलिस ने शिकायत में नहीं लिखे हैं।

सटई थाना अंतर्गत आने वाली पड़रिया चौकी क्षेत्र के ग्राम कदवां निवासी संतोष कुमार यादव ने बताया कि उसकी नाबालिग बेटी गत एक जून को सुबह करीब साढ़े 10 बजे आधार कार्ड में सुधार करवाने की बात कहकर छतरपुर के लिए निकली थी। शाम छह बजे तक जब वह वापस घर नहीं पहुंची तो संतोष ने तलाश शुरू की।
रिश्तेदारी सहित अन्य संभावित स्थानों पर पता लगाने के बाद भी जब कोई जानकारी नहीं मिली तो रात नौ बजे संतोष सटई थाना गया। जहां पुलिस ने पड़रिया चौकी में शिकायत करने की बात कहकर उसे घर भेज दिया। अगले दि दो जून को उसने पड़रिया चौकी में शिकायत दर्ज कराई थी। संतोष का कहना है कि उसे ग्राम पुनगुवां निवासी मनोज यादव के ऊपर बेटी को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाने का संदेह है और उसके इस कृत्य में मनोज के कुछ रिश्तेदारों ने उसका साथ दिया है।
संतोष का आरोप है कि पुलिस ने उक्त संदेहियों के नाम शिकायत में नहीं लिखे हैं। आठ दिन का समय बीत चुका है। लेकिन पुलिस अभी तक संतोष की बेटी का पता नहीं लगा सकी है। संतोष ने वरिष्ठ अधिकारियों से बेटी की तलाश करने की अपील की है।
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