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हम आपको 10 रुपए देते हैं। आपको इस 10 रुपए में इतना सामान लेकर आना है कि पूरा कमरा उससे भर जाए। मुझसे इंटरव्यू में पैनल ने जब यह सवाल पूछा तो मैं कन्फ्यूज हो गई। एक बार के लिए तो मुझे लगा कि 10 रुपए में इतना सामान कैसे आएगा। मैंने जैसे-तैसे जवाब दिया,
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ये कहना है पूजा चौहान का। सीहोर जिले की रहने वाली पूजा चौहान ने MPPSC एग्जाम में थर्ड रैंक हासिल की है। पूजा की तरह ही ऐसे कई सिलेक्टेड कैंडिडेट्स हैं, जो पैनल के मेंबर्स के सवालों पर अटक गए या फिर जवाब देने के बाद भी वे कन्फ्यूज रहे कि उन्होंने सही जवाब दिया था या नहीं।
दैनिक भास्कर ने MPPSC में सिलेक्ट 11 कैंडिडेट्स से बात करके ये जानने की कोशिश की कि उनसे पैनल के मेंबर्स की तरफ से इंटरव्यू में कौन से सवाल पूछे गए थे। और उन्होंने क्या जवाब दिए।

पहले जानिए टॉप थ्री कैंडिडेट्स से एक्सपर्ट पैनल ने क्या पूछा

अंकिता बोलीं- टफ सवाल का मैंने अपने तरीके से जवाब दिया
MPPSC टॉपर अंकिता पाटकर से पूछा गया कि गणित विषय क्या किसी के विवेक का संगीत होता है। इस सवाल के जवाब में अंकिता ने कहा कि गणित एक एबस्ट्रेक्ट सब्जेक्ट है। इसका विजुअलाइजेशन नहीं कर सकते। ये पूरी तरह से कंटेंट पर निर्भर करता है।
हम जो पढ़ते हैं उसी को अप्लाय करते हैं, लेकिन जब हम अप्लाय करना सीख जाते हैं तो ये हमें म्यूजिक की तरह पसंद आने लगता है। जब पसंद आता है तो हमारा विवेक डेवलप हो जाता है। हम लॉजिकल रीजनिंग अप्लाय करते हैं। बहुत कठिन सवाल था लेकिन मुझे आखिरी तक इस बात का डर रहा कि मेरे जवाब से पैनल संतुष्ट हुआ या नहीं।

अमित बोले- सरकार सोलर एनर्जी पर भी काम कर रही
एग्जाम में दूसरी रैंक हासिल करने वाले अमित सोनी कहते हैं कि मेरा बैकग्राउंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का है, तो मुझसे इसी से जुड़े सवाल किए गए थे। पैनल ने मुझसे पूछा कि सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल को प्रमोट कर रही है, लेकिन इलेक्ट्रिसिटी जनरेशन के लिए भी पॉल्यूशन होता है। सरकार ग्रीन एनर्जी की बात कैसे कर सकती है?
मैंने कहा कि सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल को प्रमोट करने के साथ सोलर एनर्जी पर भी बड़े स्केल पर काम कर रही है। इसके जरिए जो इलेक्ट्रिसिटी जनरेट होगी। उसी से इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्ज किए जाएंगे। जो पर्यावरण के लिए अनुकूल रहेंगे।

पूजा ने जवाब दिया- बल्ब लाकर कमरे में लगा दूंगी
सीहोर की रहने वाली पूजा चौहान के पिता किराना दुकान चलाते हैं। पैनल ने उनसे कहा कि हम आपको 10 रुपए देते हैं और उससे आपको सामान खरीद कर एक कमरा भरना है। एक बार तो मैं कन्फ्यूज हो गई कि इसका जवाब क्या दूं?
मैंने सोच समझकर बोला कि मैं 10 रुपए का एक बल्ब लाकर कमरे में लगा दूंगी, इससे पूरा कमरा रोशनी से भर जाएगा। फिर मैंने इसका एक और जवाब दिया कि मैं अगरबत्ती का पैकेट लाकर उन्हें जलाऊंगी तो पूरा कमरा खुशबू से भर जाएगा। पूजा कहती हैं कि जवाब से मैं खुद भी संतुष्ट नहीं थीं। रिजल्ट आने तक मुझे डर सताता रहा।
अब जानिए बाकी कैंडिडेट्स से किस तरह के सवाल पूछे गए

लोकेश ने कहा- मगरमच्छ जीतेगा
लोकेश कहते हैं मुझसे जो सवाल पूछा उसकी मैंने उम्मीद नहीं की थी। मैंने इस सवाल का जवाब दिया कि मगरमच्छ के जीतने की संभावना ज्यादा होगी। वह पानी में रहता है और उसका जबड़ा बड़ा मजबूत होता है । मगरमच्छ एक उभय चर प्राणी है। यह मेरा व्यक्तिगत जवाब था।
मैंने किसी फैक्ट के साथ ये जवाब नहीं दिया था जब तक रिजल्ट नहीं आया, तब तक मुझे इसे लेकर चिंता रही। मुझसे एक और सवाल पूछा गया था कि आप जिले के प्रशासनिक अधिकारी हैं, आपको पता करना है कि जिले में कितने गरीब हैं और कितने नहीं, ये कैसे पता लगाएंगे। मैंने कहा सांख्यिकी विभाग के डेटा से जानकारी लेंगे। इसके बाद मुझसे सवाल नहीं किया।

अर्जुन बोले- मैंने सारे ज्योतिर्लिंगों के नाम बताए
अर्जुन सिंह ठाकुर उज्जैन के रहने वाले हैं इसलिए पैनल ने उसने बारह ज्योतिर्लिंगों के नाम पूछे। अर्जुन ने कहा- मैंने सभी नाम बताए। इसके बाद मुझसे पूछा कि आपका जन्म नर्मदापुरम में हुआ है तो वहां कौन सा शक्तिपीठ है?
इसके अलावा हरित क्रांति और जनरल नॉलेज से जुड़े सवाल पूछे गए। इनके जवाब देने के बाद मुझे लगा की शायद पैनल मेरे जवाब से संतुष्ट हुए या नहीं इसका मुझे डर था।

अंजलि बोलीं- मुझे रिजल्ट आने तक जवाब को लेकर चिंता रही
अंजलि ने बी टेक किया है। एक्सपर्ट पैनल ने इसी से जुड़े सवाल पूछे। एक सवाल चैट जीपीटी को लेकर था। अंजलि ने जवाब दिया- चैट जीपीटी एक ओपन आई है। इसके माध्यम से किसी भी जानकारी को हम एक ही प्लेटफॉर्म पर मर्ज कर पढ़ या समझ सकते हैं।
चैट जीपीटी का जवाब देने के बाद मुझे लगा कि इसका मैं सही से जवाब नहीं दे पाई। मैं और बेहतर जवाब दे सकती थी। रिजल्ट आने तक जवाब को लेकर मैं चिंतित थीं।

रीना ने कहा- भौतिकवादी संस्कृति को ऐड करना भूल गई
आलीराजपुर की रहने वाली रीना किराड़ से एक्सपर्ट पैनल ने पूछा कि महिलाओं में नशे की प्रवृत्ति बढ़ रही है इसकी क्या वजह मानती हैं। इसके जवाब में रीना ने कहा कि महिलाओं में ये प्रवृत्ति गलत संगत और डिप्रेशन की वजह से बढ़ रही है।
रीना बोलीं- जवाब देने के बाद मुझे लगा कि भौतिकवादी संस्कृति को भी ऐड करना चाहिए था। उस समय मुझे याद नहीं आया। इंटरव्यू में मुझसे भारत और इंडिया को लेकर भी सवाल किया। मैंने कहा कि संविधान में दोनों नामों का जिक्र है। व्यक्तिगत तौर पर मुझे भारत पसंद है, क्योंकि यह हमारी सभ्यता और संस्कृति से जुड़ा हुआ नाम है।

राजनंदिनी बोली- लता मंगेशकर मेरी पसंदीदा गायिका
एक्सपर्ट पैनल ने राजनंदनी से उनकी हॉबी को लेकर सवाल किए। राजनंदनी ने कहा कि मैं एक बॉस्केट बॉल की खिलाड़ी हूं और सिंगिंग मेरा शौक है। पैनल ने मुझसे लता मंगेशकर के एक राधा-एक मीरा गाने की पंक्तियां सुनाने के लिए कहा। जो मैंने सुना दीं।

संदीप बोले- पुलिस पंचायत कार्यक्रम से समाधान होगा
संदीप पुलिस विभाग में आरक्षक है और उन्होंने MPPSC एग्जाम क्लियर की है। संदीप ने कहा कि मुझसे जो सवाल किया उसके जवाब में मैंने कहा- अगर मुझे मौका मिलता है तो मैं गांव स्तर पर पुलिस पंचायत कार्यक्रम चलाऊंगा। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का पुलिस के प्रति व्यवहार और विश्वास बढ़ेगा।
हर थाने में फीडबैक सिस्टम को शुरू करेंगे, ताकि लोगों की समस्याओं का समाधान समय पर हो सकें। इसी तरह मुझे समान नागरिक संहिता और दिल्ली शराब नीति से जुड़े हुए सवाल भी इंटरव्यू पैनल ने पूछे।

पवन ने कहा- मैं समाज सेवा करना चाहता हूं
पवन ने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ग्रेजुएशन किया है। MPPSC से पहले एक बड़े पैकेज पर प्राइवेट नौकरी कर रहे थे। उनसे पूछा कि बड़ा पैकेज छोड़कर सिविल सर्विस में क्यों आना चाहते हैं, तो वे बोले- मेरा परिवार नौकरी के साथ-साथ शुरू से ही समाज सेवा का काम करता है।
मेरी भी यही सोच रही है कि मुझे समाज सेवा करनी चाहिए। इसी बात को ध्यान में रखते हुए मैंने सिविल सर्विसेज को चुना।

ज्योति बोलीं- मैंने सॉरी कह दिया
ज्योति पेशे से एमबीबीएस डॉक्टर हैं। उनसे सवाल किया था कि आप डॉक्टर के साथ एक हाउस वाइफ भी हैं तो बताइए आज का सोने का भाव क्या है। ज्योति ने कहा कि ऐसे सवाल की मैंने उम्मीद नहीं की थी। मुझे उस दिन का सोने का भाव पता नहीं था। मैंने पैनल से माफी मांगते हुए कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है।
इसके अलावा मुझसे पूछा गया कि अगर आपका प्रशासनिक अधिकारी के पद पर चयन हो जाता है तो आपकी डॉक्टरी की डिग्री और पढ़ाई तो वेस्ट हो जाएगी? इस पर मैंने कहा कि मेरी डॉक्टरी की पढ़ाई बर्बाद नहीं होगी। उसका प्रैक्टिकल नॉलेज कहीं न कहीं फील्ड पर जरूर काम आएगा।
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