मध्यप्रदेश

After seat allocation in the first choice colleges, 8800 students missed out on admission, now they will get a chance only in the additional round | पहली च्वॉइस वाले कॉलेजों में सीट आवंटन के बाद 8800 छात्र प्रवेश लेने से चूके, अब अतिरिक्त राउंड में ही मौका मिलेगा – Gwalior News


प्रदेश के शिक्षा व फिजिकल महाविद्यालय में संचालित एनसीटीई के कोर्स में फर्स्ट च्वॉइस के अनुसार कॉलेज आवंटित होने के बाद पहले चरण में प्रवेश नहीं लेने वाले करीब 8800 विद्यार्थियों की परेशानी बढ़ गई है। दरअसल, नए नियम के लागू होने से ऐसे विद्यार्थी दूसर

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जेयू से संबद्ध बीएड कॉलेजों में 15 हजार सीटें हैं। पहले चरण में ऐसे कॉलेजों की करीब 30 फीसदी ही सीटें फुल हो सकी हैं। वहीं तीसरे चरण के लिए रजिस्ट्रेशन शुक्रवार से शुरू हो गए हैं। 12 जून तक नए रजिस्ट्रेशन व च्वॉइस फिलिंग भर सकेंगे, जबकि दस्तावेजों का ऑनलाइन सत्यापन 8 से 13 जून तक होगा, जबकि सीट आवंटन 25 जून को किया जाएगा।

दरअसल,उच्च शिक्षा विभाग ने इस बार एक अजीबो-गरीब नियम बनाया है। इसकी जानकारी एनसीटीई कोर्स की काउंसिलिंग में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को नहीं थी। इससे वह नए नियमों में उलझकर रह गए हैं। उच्च शिक्षा विभाग का कहना है कि बीएड की सीटें जल्द से जल्द भर सकें इसके लिए नए नियम बनाए हैं, क्योंकि बीएड कोर्स के प्रति छात्रों में अधिक रुझान है।

काउंसिलिंग के हर एक राउंड में कॉलेज च्वॉइस (वरीयता) के प्राथमिकता क्रम में जिस भी कॉलेज को विद्यार्थी फर्स्ट च्वॉइस (पहली वरीयता) के तौर पर दर्ज करेगा और उसी में मेरिट के अनुसार सीट आवंटित हो जाती है तो उसमें एडमिशन लेना अनिवार्य जैसा कर दिया गया है। यदि स्टूडेंट्स फर्स्ट च्वॉइस के अनुसार आवंटित सीट पर प्रवेश नहीं लेगा तो उसे अगले दोनों राउंड में प्रवेश का अवसर नहीं मिलेगा। इसलिए फर्स्ट राउंड में जिन विद्यार्थियों ने फर्स्ट च्वॉइस के अनुसार आवंटित कॉलेज में प्रवेश नहीं लिया है उन्हें अब अतिरिक्त राउंड में ही प्रवेश लेने को मौका मिलेगा।

हेल्प सेंटर का दावा- छात्र रजिस्ट्रेशन निरस्त कराकर च्वॉइस फिलिंग कर रहे:फर्स्ट च्वॉइस के अनुसार आवंटित कॉलेज में प्रवेश नहीं लेने पर अब ऐसे विद्यार्थियों को दूसरे राउंड में च्वॉइस फिलिंग नहीं कर पा रहे। हालांकि हेल्प सेंटर का दावा है कि कुछ ऐसे विद्यार्थी थे जिन्होंने रजिस्ट्रेशन निरस्त कराने के बाद दोबारा रजिस्ट्रेशन कराया तो च्वॉइस फिलिंग हो गई। अब देखना यह है कि ऐसे छात्रों को 9 जून को सीट आवंटित होगी या नहीं। हालांकि उच्च शिक्षा विभाग का कहना है कि इस तरह की व्यवस्था नहीं की है। रजिस्ट्रेशन निरस्त कराकर दोबारा कैसे रजिस्ट्रेशन च्वॉइस फिलिंग कर रहे हैं इसकी जानकारी की जाएगी।

फर्स्ट राउंड में बीएड में प्रवेश की स्थिति

उच्च शिक्षा विभाग ने फर्स्ट राउंड में बीएड में 38,636 को सीटों का आवंटन किया था। इनमें से 16,690 ने प्रवेश नहीं लिया। वहीं बीएड सहित सहित सभी कोर्सेस में 44 हजार 101 स्टूडेंट्स को सीट आवंटित की थी, जिनमें से 18 हजार 841 ने प्रवेश नहीं लिया।

विद्यार्थी बोले- नए नियम से उनका नुकसान, बदलाव किया जाए

उच्च शिक्षा विभाग ने फर्स्ट च्वॉइस दर्ज किए गए कालेजों में प्रवेश के लिए 25,600 स्टूडेंट को सीट आवंटित की थी, इनमें से 8800 छात्र प्रवेश नहीं ले सके। अब ये सेकंड के साथ थर्ड राउंड की काउंसलिंग से भी बाहर हो गए हैं। अब छात्र इस नियम पर सवाल तो खड़े कर ही रहे हैं। बीएड पहले चरण की काउंसिलिंग में भाग लेने छात्रों का कहना है कि वे फीस का इंतजाम नहीं कर पाए।

पहले चरण में बीएड सहित एनसीटीई के किसी भी कोर्स में प्रवेश के लिए 50 फीसदी फीस जमा करने का नियम था। उनके पास एक मुश्त राशि नहीं थी। इससे वह च्वॉइस के लिए कॉलेज में प्रवेश नहीं ले सके। लेकिन अब उन्हें दूसरे राउंड में प्रवेश का मौका मिलना चाहिए था।

यदि दूसरे व तीसरे चरण में ही सीटें फुल हो गईं तो उनके साथ यह अन्याय होगा, क्योंकि उनके अच्छी मेरिट होने के बाद भी वह एनसीटीई कोर्स में प्रवेश नहीं ले पाएंगे। विद्यार्थियों ने नए नियमों में बदलाव की मांग की है। हालांकि अब प्रोफेशनल कोर्स में प्रवेश लेने पर विद्यार्थियों को शुरुआत में 5 हजार रुपए फीस के तौर पर देना होगा। इसके बाद तीन किश्त में फीस छात्र को चुकानी होगी।

एनसीटीई कोर्स में प्रवेश के लिए अतिरिक्त राउंड मंे मौका मिलेगा

ऐसे विद्यार्थी जिन्हें फर्स्ट राउंड में उनके च्वॉइस कॉलेज में सीट आवंटित की गई थी और प्रवेश नहीं लिया है। उन्हें अब तीसरे राउंड की काउंसिलिंग के बाद ही प्रवेश का मौका मिलेगा। यदि सीट खाली रहती है तो अतिरिक्त चरण की काउंसिलिंग आयोजित की जाएगी। इसके लिए प्रवेश नियम में बदलाव किया जा चुका है, क्योंकि विद्यार्थी पसंदीदा कॉलेज में सीट आवंटन के बाद भी प्रवेश नहीं लेते थे। इसके लिए पहले ही गाइड लाइन जारी की जा चुकी है।
-डॉ. तुलसीराम दहायत, ओएसडी, उच्च शिक्षा विभाग


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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