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एमपीपीएससी मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने गुरुवार को राज्य सेवा परीक्षा 2021 का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया है, जिसमें रायसेन शहर की अंकिता पाटकर ने पूरे मध्य प्रदेश में टॉप किया है।अंकिता ने 1575 में 942 अंकों के साथ पहले स्थान पर रही। तीसरे अटेम्प्ट म
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ऐसे में प्रदेश टॉपर अंकिता ने दैनिक भास्कर से बातचीत की और शुरू से लेकर अब तक की अपनी जर्नी को शेयर किया। तो आइए उन्हें से जानते हैं उनके डिप्टी कलेक्टर बनने का सफर….
‘मैं अंकिता पाटकर, मप्र के रायसेन की रहने वाली हूं। मेरे पिता दोलतराम पाटकर है जो पोस्ट ऑफिस एजेंट है। मां चंद्रकला पाटकर हाल ही में सहायक शिक्षिका के पद से रिटायर हुई है। मेरे 5 भाई बहन हैं। हम पांच बहने सभी सरकारी जॉब में है और सबसे छोटा अभी इसकी तैयारी कर रहा है।
मेरी प्राइमरी की पढ़ाई रायसेन के करियर ब्राइट कॉन्वेंट स्कूल से हुई। इसके बाद नवोदय स्कूल का एग्जाम दिया। उसके लिए मुझे मेरी बड़ी बहन सुमन पटवा ने पढ़ाया, गाइड किया। तब मैंने एग्जाम क्लीयर करके वहां एडमिशन लिया। वहां पढ़ाई अच्छी होती है। वहीं से मेरे बेसिक्स बहुत स्ट्राग हो गए। हर सब्जेक्ट को लेकर मेरे कॉन्सेप्ट काफी डेवेलप थे। फिर मैंने भोपाल के इंस्टीट्यूट फॉर एक्सीलेंस हायर एजुकेशन (आईईएचई) भोपाल से मैथेमेटिक्स ऑनर्स और फिजिक्स में ग्रेजुएशन किया। वहां से भी मुझे काफी मदद मिले। कॉलेज में रेगुलर क्लासेस लगती थी, लैब में एक्सेपेरिमेंट होते थे। उससे भी कॉन्सेप्ट और बेहतर होते गए। साथ को-करिकूलर एक्टिविटीज से एक्सपोजर मिला।’

अपनी मां चंद्रकला पाटकर के साथ अंकिता।
‘ग्रेजुएशन के बाद मुझे पता चला की मप्र के पीपल गर्ल एसोसिएशन स्कीम से ओबीसी बच्चों को फ्री ऑफ कॉस्ट सिविल सर्विसेज की तैयारी करवाई जा रही थी। फिर मैंने उस स्कीम में एनरोल किया और एग्जाम की तैयारी की। वहां सीके शर्मा सर और सीएम सर ने मुझे पढ़ाया। फिर 2019 में मैंने प्रीलिम्स और मैन्स क्लियर किया इन्टरव्यू तक पहुंची पर 13% में ओबीसी होल्ड होने की वजह से मेरा रिजल्ट नहीं आया। मैंने 2020 में एग्जाम दिया पर प्रीलिम्स क्लियर नहीं हुआ।
इसके बाद मैंने 2021 में फिर कोशिश की दूसरी कोचिंग शुरू की। टेस्ट सीरीज जॉइन की, वहां से मैन्स का कॉन्टेंट लिया। फिर वहां के नोट्स से भी तैयारी की। और इस बार रिजल्ट पॉजिटिव रहा। लास्ट इयर मेरा वर्ग तीन प्राइमरी शिक्षक में सिलेक्शन हुआ था। साथ ही अभी जो व्यापम, पटवारी ग्रुप-4 का एग्जाम भी क्लियर किया था। उसमें मेरा सिलेक्शन सहायक विकास विस्तार अधिकारी के पद पर हुआ और मैंने मार्च में ही ड्यूटी जॉइन की।
इस पूरी जर्नी में मेरे परिवार और मेरे भाई-बहन सभी ने मेरा बहुत साथ दिया। मैंने जहां भी काम किया इनका मुझे पूरा सपोर्ट मिला। मेरे सभी टीचर्स ने भी मुझे हर समय गाइड किया। 2019-2020 में जब एग्जाम क्लियर नहीं कर पाई तब डि-मोटिवेट हो गई थी। लेकिन तब परिवार और टीचर्स से मुझे इमोशनल सपोर्ट मिला। सभी ने कहा तुम कर सकती हो। मन में हमेशा विश्वास था पर पता नहीं था टॉपर रहूंगी।’

अपने परिवार के साथ अंकिता पाटकर
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