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बिटिया दिशा को 13 वर्ष की उम्र में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के चलते बहुत जल्दी हमारा साथ छोड़ना पड़ा। अपने 2 साल के संघर्ष के दौरान वह हम सभी को कई सबक सिखा कर गई। यह कहना है इंदौर के गणेश राव थोरात का, जिन्होंने 5 वर्ष पहले 2019 में अपनी बेटी दिशा को
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स्व. दिशा थोरात।
बेटी नहीं मेरे घर की देवी
गणेश राव कहते हैं कि दिशा शुरू से मेरी हिम्मत रही है। हम एक बार इंजेक्शन में दर्द से रो जाते हैं, उसको हर दिन 10-15 इंजेक्शन लगते थे, हर पन्द्रह दिन में खून चढ़ता था। वो दर्द को अपने में समेटे सब सहन कर लेती थी। इतना दर्द सहने के बाद भी उसके चेहरे पर हमारे लिए हमेशा मुस्कुराहट ही रहती थी, ताकि हम हिम्मत न हार जाएं। दिशा हमारे बीच नहीं है लेकिन हमारे परिवार में आज दिशा को देवी का दर्जा दिया जाता है।
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