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जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने बीते दिनों निजी स्कूलों के खिलाफ एक मुहिम चलाई थी जिसके तहत निजी स्कूलों के खिलाफ आम जनता से शिकायतें बुलवाई थी इनमें फीस पुस्तक और ड्रेस के मामले में साठगांठ पर आम लोगों ने जिला प्रशासन को शिकायतें की थी इसमें लग
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इन स्कूलों पर आरोप लगाया गया था कि इन्होंने नियम विरुद्ध तरीके से स्कूलों की फीस बढ़ा दी थी। मध्य प्रदेश मैं 2017 में निजी स्कूलों के संचालन के लिए एक अधिनियम पारित किया गया था इसके तहत कोई भी स्कूल बिना सुविधा बढ़ाये 10% तक से ज्यादा फीस नहीं बढ़ाई जा सकती वहीं दूसरी तरफ इससे अधिक फीस बढ़ाने पर जिला प्रशासन की अनुमति की जरूरत होती है। इस मामले में जिला प्रशासन ने जांच की और जबलपुर के इन स्कूलों ने बिना नियम के अपनी फीस में बढ़ोतरी कर दी। जबलपुर जिला प्रशासन ने क्राइम ब्रांच की मदद लेकर जबलपुर के इन स्कूलों के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा 420 और आईएसबीएन नंबर के कानून का उल्लंघन करने के आप में धारा 471 के तहत मामला दर्ज किया गया है l
इन स्कूलों के खिलाफ एफआईआर
1. क्राइस्ट चर्च सालीवाडा 2. ज्ञान गंगा ऑर्किड स्कूल 3. स्टेमफील्ड इंटरनेशनल स्कूल 4. लिटिल वार्ड स्कूल 5. चेतान्य टेक्नो स्कूल 6. सेंट अलोसियस स्कूल 7. सेट अलोसियायस घमापुर 8. सेट अलोसियस सदर 9. क्राइस्टचर्च घमापुर 10. क्राइस्ट चर्च बॉयज एंड गर्ल्स
जिला प्रशासन ने जांच में पाया हैं कि अभी तक इन स्कूलों ने81 करोड़ 30 लाख रुपए 21000 बच्चों से ज्यादा फीस के तहत वसूल की है। जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना के मुताबिक अनुमानित 1037 निजी स्कूल में जांच की गई तो240 करोड रुपए की अतिरिक्त फीस वसूली गई हैं।
जबलपुर कलेक्टर ने बताया कि स्कूलों ने 2024 से लेकर किताबों में लगभग 4 करोड़ से ज्यादा का कमीशन खाया। इन स्कूलों में 64% किताबें ननई लगाई गई, इतना ही 89 प्रतिशत किताबें फर्जी आईएसबीएन नंबर वाली किताबें चल रहीं थी।जिला प्रशासन का कहना है कि जो गैर कानूनी तरीके से फीस बढ़ाई गई है, वह फीस यदि वापस कर देते हैं तभी जांच से बच जाएंगे इसी तरीके से किताबों की मोनोपोली खत्म करके ऐसे सरल कर ले तो प्रशासन इन लोगों पर कार्यवाही नहीं करेगा
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