विश्व हिंदू परिषद के नवागत राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार प्रांतीय वर्ग में शामिल होने पहुंचे छतरपुर: विहिप किसी धर्म के विरोध में नहीं बल्कि देश के खिलाफ आवाज बुलंद करने वालों के खिलाफ है: आलोक कुमार

राम मंदिर निर्माण की सफलता के बाद विहिप का नया अभियान
अरविन्द जैन
छतरपुर। विश्व हिंदू परिषद के नवागत राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट आलोक कुमार आज शाम 6 बजे खजुराहो एयरपोर्ट पर पहुंचे जहां समाजसेवी सोहन लाल ने मुलाकात कर गर्मजोशी से स्वागत किया। इस मौके पर पत्रकार राजकुमार सेन और मेरी भी उनसे मुलाकात हुई और उन्हें इतने करीब से जानने का मौका मिला। निश्चित ही इतनी बड़ी शख्शियत की सादगी देखकर मन प्रफुल्लित हो गया। श्री आलोक कुमार छतरपुर में आयोजित विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय वर्ग में शामिल होने 1 दिवसीय प्रवास पर पहुंचे है जहां छतरपुर के सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय वर्ग में बौद्धिक प्रशिक्षण देंगे ।

जानें आरएसएस और विहिप सहित तमाम हिंदूवादी संगठनों के केस लड़ते रहने वाले एडवोकेट आलोक कुमार के बारे में
जमीनी तौर पर काम करने के लिए मशहूर आलोक कुमार विहिप में आने से पहले तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में दिल्ली प्रांत के सह संघचालक रह चुके हैं। विहिप के ज्यादातर आक्रामक स्वभाव के नेताओं के बीच आलोक कुमार मृदुभाषी हैं. दिल्ली हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट आलोक कुमार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के बिसौली गांव के रहने वाले हैं.
डूसू अध्यक्ष और दिल्ली विधानसभा के उपाध्यक्ष रहे हैं आलोक कुमार
4 सितंबर 1952 को जन्मे आलोक कुमार बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के स्वयंसेवक बन गए थे. छात्र जीवन से ही सार्वजनिक जीवन में सक्रिय आलोक कुमार साल 1973 से 1974 तक दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ (DUSU) के अध्यक्ष रहे हैं. छात्र संघ राजनीति के बाद भाजपा के जरिए उन्होंने मुख्यधारा की राजनीति में भी हाथ आजमाया हुआ है. 1993 से 1995 के बीच दिल्ली विधानसभा के उपाध्यक्ष रहे हैं. इसके अलावा भाजपा में प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक रह चुके हैं.
दधीचि देहदान समिति के संस्थापक सदस्य और संरक्षक के रूप में पहचान
आलोक कुमार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हिंदी और अंग्रेजी में माउथपीस बताए जाने वाले पांचजन्य और आर्गेनाइजर को छाप रहे भारत प्रकाशन के एमडी भी रह चुके हैं. आलोक कुमार की एक और खास पहचान दधीचि देहदान समिति के संस्थापक सदस्य और संरक्षक के रूप में भी है. इसके माध्यम से अब तक वह 200 लोगों का देहदान करा चुके हैं. उन्होंने अपने माता-पिता का भी देह दान कराया है. इसके तहत मरने के बाद ट्रांसप्लांट हो सकने वाले अंग के अलावा बाकी बॉडी पर मेडिकल स्टूडेंट प्रैक्टिकल कर सीखते हैं.

आरएसएस और विहिप सहित तमाम हिंदूवादी संगठनों के केस लड़ते रहने वाले एडवोकेट आलोक कुमार के बारे में कहा जाता है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण अभियान की सफलता के बाद उनकी प्रतिबद्धता के लिए प्रमोशन किया गया है।श्री कुमार आरएसएस की लाइन ‘व्यक्ति नहीं, संगठन बड़ा होता है’ को सख्ती से मानते हैं. उनका कहना है कि हिंदू समाज में कहीं भी और किसी भी स्तर पर बिखराव न दिखाई दे. इसके लिए समरसता पर विशेष काम किया जा रहा है. विश्व हिंदू परिषद किसी धर्म के विरोध में नहीं बल्कि देश के खिलाफ आवाज बुलंद करने वालों के खिलाफ है।
