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जावरा (रतलाम). दिल्ली-मुंबई 8 लेन एक्सप्रेस-वे जिस सेक्शन में तैयार हो गया, वहां ट्रैफिक खोल दिया है। 1385 किमी लंबे पूरे रूट को एक साथ खोलने में अभी सालभर लगेगा, लेकिन जहां चालू हो गया। वहां कई चुनौतियां भी सामने आ रहीं। इनमें से एक है ओवर स्पीड ड्
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एक्सप्रेस-वे पर हर एक किलोमीटर में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और इन्हीं से वाहनों की स्पीड डिटेक्ट की जा रही है। इसी रिपोर्ट के मुताबिक औसत 10 से 12 फीसदी कारें ओवर स्पीड जा रहीं। इस कारण टायर फटने से अकेले मप्र में ही 245 किमी दायरे में रोज 2 से 3 हादसे हो रहे हैं। पूरा एक्सप्रेस-वे चालू होने के बाद वाहनों की तादाद बढ़ेगी और इसी अनुपात में एक्सीडेंट भी बढ़ेंगे। इसलिए स्पीड नियंत्रण के साथ सेफ्टी को लेकर वाहन चालक-मालिकों को जागरूक करना होगा।
एक्सप्रेस-वे पर इंटरचेंज पॉइंट की इंट्री और एक्जिट के अलावा बीच में कहीं टोल बैरियर नहीं है और ना ही कोई ब्रेकर है। इसलिए कई वाहन ओवर स्पीड चल रहे। इसके कारण टायर गर्म होकर फट रहे। एक्सप्रेस-वे को अधिकतम 120 किमी घंटे की रफ्तार से डिजाइन किया है लेकिन कई कार चालक 150 से 170 की रफ्तार में वाहन दौड़ा रहे।
सिर्फ कार ही नहीं बल्कि 5 से 8 फीसदी ट्रक भी 100 या इससे अधिक स्पीड में चल रहे। जबकि एक्सप्रेस-वे पर ट्रकों के लिए स्पीड लिमिट 80 किलोमीटर प्रति घंटे की तय है। इसलिए ट्रक भी अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो रहे। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) अब इस नई चुनौती से निपटने के प्रयास में जुटा है।
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