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कोर्ट ने बुधवार को बलराम यादव के अपहरण और हत्या के मामले में 12 आरोपियों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
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वकील अरुण कुमार लिटोरिया ने बताया कि, 29 अप्रैल 2016 को फरियादी राजाराम यादव बेटे बलराम के साथ पीताम्बरा मंदिर से दर्शन कर घर उनाव रोड लौट रहा था। रात करीब साढ़े 9 बजे राय बस ऑफिस के सामने काली रंग की सफारी गाड़ी आई, उसमें से आरोपी बाबूजी यादव, अरविंद यादव बंदूक लेकर, लवकुश यादव, रामकुमार यादव, शिवकुमार यादव, धीरज सिंह यादव तथा मानवेन्द्र गुर्जर लाठी डंडा लेकर निकले और लड़के बलराम को पकड़कर गाड़ी में पटक लिया और बंबम महादेव की ओर चले गए।
फरियादी की शिकायत पर सिविल लाइन पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज किया था। 1 मई 2016 को पुसिल थाना सिरसौद जिला शिवपुरी को विनोद परिहार बताया गया कि, वह झिरी बगौदा रोड के पास बकरी चरा रहा था। बकरियां श्रीलाल के खेत की ओर चली गईं। मैं बकरियों के पीछे गया तो खेत में एक व्यक्ति जली हुई हालत नजर आया। लाश पहचान में नहीं आ रही थी।
सिविल लाइन पुलिस ने डीएनए करवाया और जांच में मामले को लिया। जांच के बाद सुनील रजक निवासी दुरसड़ा, लवकुश यादव, मानवेन्द्र गुर्जर, धीरेन्द्र उर्फ पुल्ली यादव, अरविन्द यादव, शिवकुमार उर्फ गोविन्द सिंह यादव, रामकुमार यादव, मंगल उर्फ मंशाराम यादव, बाबूजी उर्फ बब्बू यादव, इन्दर यादव निवासीगण महाराजपुरा, रवि शिवहरे निवासी इन्दरगढ तथा सुरेन्द्र यादव निवासी ग्राम हरदई थाना गोंदन पर हत्या, अपहरण सहित तमाम धाराओं में मामला दर्ज किया।
कोर्ट ने सुनील रजक निवासी दुरसड़ा, लवकुश यादव, मानवेन्द्र गुर्जर, धीरेन्द्र उर्फ पुल्ली यादव, अरविन्द यादव, रामकुमार यादव, मंगल उर्फ मंशाराम यादव, बाबूजी उर्फ बब्बू यादव, इन्दर यादव, शिवकुमार उर्फ गोविन्द सिंह यादव निवासीगण महाराजपुरा, रवि शिवहरे निवासी इन्दरगढ तथा सुरेन्द्र यादव निवासी ग्राम हरदई थाना गोंदन को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और अर्थ दंड से दंडित किया।
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