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जिले के म्याना थाने में दर्ज अवैध शराब के एक मामले में कोर्ट ने 21 वर्ष बाद सजा सुनाई है। आरोपी तीन लीटर अवैध शराब के साथ पकड़ा गया था। यह मामला वर्ष 2003 में दर्ज हुआ था। अब 2024 में इस मामले में कोर्ट ने सजा सुनाई है। आरोपी को न्यायालय उठने तक की स
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मामला वर्ष 2003 का है। म्याना थाने में पदस्थ ASI केआर मौर्य 1 मई को इलाके के भ्रमण पर थे। भ्रमण के दौरान बडी खजूरी के रास्ते में एक आदमी बारेलाल पुत्र भवूती निवासी बडी खजूरी हाथ में एक प्लास्टिक की कट्टी हरे रंग लिये गांव तरफ जाते मिला। उसे रोकर गवाह कमरजी व सुरेश कुशवाह के समक्ष कट्टी चैक की तो कट्टी में कच्ची शराब हाथ भट्टी की मदिरा जैसी दुर्गंध आ रही थी। बारेलाल से हाथ भट्टी की शराब रखने के संबंध में लायसेंस मांगा तो उसने लायसेंस न होना बताया।
पुलिस ने अवैध शराब को जप्त कर लिया। ASI की रिपोर्ट पर म्याना थाने में अपराध क्रमांक 100/2003 अंतर्गत धारा-34(1)(ए) मप्र आबकारी अधिनियम में दर्ज कर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई। विवेचना के बाद अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। आरोपी को 23 जून 2003 को गिरफ्तार किया गया। उसी दिन उसे जमानत भी मिल गई। कई वर्षों तक केस चलता रहा और तारीख पर तारीख लगती रहीं।
आरोपी ने खुद ही 14 दिसंबर को कोर्ट में आवेदन देकर अपना अपराध स्वीकार कर लिया। हालांकि, सुनवाई के दौरान केस में गवाह बनाया गया सुरेश अपने बयान से पलट गया। उसने कोर्ट में कहा कि न तो वह आरोपी को जनता है और न ही उसके सामने पुलिस ने आरोपी के पास से कुछ जप्त किया। आरोपी द्वारा खुद ही स्वीकार करने पर कोर्ट ने उसे दोषी माना। कोर्ट ने आरोपी बरेलाल को न्यायालय उठने तक की सजा सुनाई। साथ ही आरोपी पर 500 रूपये का जुर्माना भी लगाया।
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