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2002 में सीट से नामांकन दाखिल करने के बाद युवराज क्लब में आयोजित सभा में माधवी राजे शामिल हुईं थीं।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के मां और ग्वालियर राजघराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया का बुधवार को निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली की AIIMS में बुधवार सुबह 9:28 मिनिट पर अंतिम सांस ली। वे पिछले तीन महीने से बीमार चल रहीं थीं। आज शाम ग्वालियर म
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माधवी राजे सिंधिया का गुना से विशेष लगाव रहा। वे अक्सर अपने पति माधवराव सिंधिया और उनके बाद पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया के चुनाव में गुना आया करती थीं। हालांकि, उन्होंने किसी चुनावी सभा में कभी भाषण नहीं दिया। अंतिम बार वह 2009 के लोकसभा चुनाव में गुना आईं थीं। इसके अलावा वे एक दो बार दूसरे कार्यक्रमों में भी गुना आईं। गुना में केवल दो ही परिवार हैं, जिनके घर वह गईं। एक पूर्व मंत्री स्व शिवप्रताप सिंह और दूसरे पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया। इन दोनों के घर पर ही वह गईं।
चुनाव के दौरान कई बार गुना आईंज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी वरिष्ठ नेता योगेंद्र लुंबा ने बताया कि 2009 के लोकसभा चुनाव तक वह सतत सिंधिया परिवार के चुनाव में भागीदारी करने के लिए गुना क्षेत्र में आती थीं। उनका जनता से जुड़ने का अपना एक तरीका था। जनता के बीच में अपनी बात रख कर जनता से जुड़ती थीं। उनका क्षेत्र के विकास और जनता की समस्याओं के प्रति बड़ा मानवीय रुख रहता था। मानवीय संवेदनाओं से समस्याओं के निराकरण के लिए वह अपने स्तर पर प्रयासरत रहा करती थीं।
बेटे के चुनाव में मंच साझा किया
योगेंद्र लुंबा बताते हैं कि वह चुनाव के दौरान क्षेत्र में आती जरूर थीं, लेकिन किसी सभा में न तो वह मंच पर बैठती थीं और न ही भाषण देती थीं। वह अपने पति माधवराव सिंधिया के चुनाव प्रचार में कई बार गुना आईं। पति के निधन के बाद अपने पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया के चुनाव में भी वह लगातार गुना आती रहीं। पहले बात उन्होंने अपने पुत्र के चुनाव प्रचार के दौरान चुनावी मंच साझा किया। माधवराव सिंधिया के निधन के बाद वर्ष 2002 में गुना लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ। उनके पुत्र चुनावी मैदान में थे। उस दौरान पहली बार माधवी राजे सिंधिया ने चुनावी मंच साझा किया। शहर के दशहरा मैदान में आयोजित चुनावी सभा में वह मंच पर बैठी दिखाई दीं। हालांकि, उस सभा में भी उन्होंने कोई भाषण नहीं दिया।
सिसोदिया परिवार के शादी समारोह में हुईं शामिल
प्रदेश के पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया के घर पर उनका दो बार आना हुआ। पहली बार उनका सिसोदिया के घर आना हुआ। तब महेंद्र सिंह सिसोदिया की बुआ की शादी थी। उस दौरान राजमाता विजया राजे सिंधिया, माधवराव सिंधिया और माधवी राजे सिंधिया तीनों उनके निवास पर आए थे। तब महेंद्र सिंह सिसोदिया के दादा सागर सिंह सिसोदिया विधायक थे। इसके बाद दूसरी बार वह 1999 में सिसोदिया के घर आईं। तब लोकसभा चुनाव में माधवराव सिंधिया यहां से चुनाव लड़ रहे थे। उसी समय वह महेंद्र सिंह सिसोदिया के निवास पर आईं थीं।

सिसोदिया परिवार के शादी समारोह में माधवी राजे सिंधिया, राजमाता विजया राजे सिंधिया और माधवराव सिंधिया।
प्रियदर्शनी राजे को कहा– कार्यक्रम में जाना चाहिए
वरिष्ठ नेता योगेंद्र लुंबा एक वाकया बताते हुए कहते हैं कि दिल्ली में एक समारोह था। उस समारोह में पूरा सिंधिया परिवार पहुंचा था। गुना में जैन समाज की महिलाओं का एक कार्यक्रम प्रस्तावित था। इसमें वह प्रियदर्शनी राजे को आमंत्रित करना चाहती थीं। चूंकि उस समारोह में योगेंद्र लुंबा को भी शामिल होना था, इसलिए यह तय हुआ की महारानी को कार्यक्रम में आमंत्रित करने की जिम्मेवारी वह लें। उस कार्यक्रम में उन्होंने प्रियदर्शनी राजे से कहा कि ऐसा एक कार्यक्रम गुना में है, जिसमे आपको आमंत्रित किया गया है, तो प्रियदर्शनी राजे ने कहा कि महाराज से पूछ लो। उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया से कहा तो उन्होंने प्रियदर्शनी राजे की तरफ इशारा कर कहा कि उनसे पूछ लो। योगेंद्र लुंबा ने बताया कि इस चीज को राजमाता माधवी राजे भांप गईं। उन्होंने पूछा की क्या बात है, तो योगेंद्र लुंबा ने बताया कि गुना में एक कार्यक्रम है। महाराज कह रहे हैं कि महारानी से पूछ लो, महारानी कह रही हैं कि महाराज से पूछ लो। ऐसी ऐसी बात है। तब राजमाता ने प्रियदर्शनी राजे से कहा कि गुना की जनता बुला रही है, तो उन्हें इस कार्यक्रम में जरूर जाना चाहिए। हालांकि, बाद में वो कार्यक्रम किन्हीं कारणों से नहीं हो पाया।

1999 के चुनाव में प्रचार के लिए आईं माधवी राजे महेंद्र सिंह सिसोदिया के घर पहुंचीं थीं।
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