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इंदौर3 मिनट पहले
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जब जिंदा लोगों का चरित्र मुर्दों से ज्यादा घटिया हो जाता है, तब परशुराम जैसे ज्ञान और विज्ञान सम्मत व्यक्तित्व हमारे जीवन में आकर भक्ति, युक्ति और मुक्ति का संचरण करते हैं। जब सत्ताधीशों के मद को उतारकर जमीन पर रख दिया जाता है, जब एक हाथ में शास्त्र और दूसरे हाथ में शस्त्र लेकर सृष्टि चलाई जाती है, तब लगता है कि परशुराम का अवतरण हुआ है।
राष्ट्रकवि पं. सत्यनारायण सत्तन ने शनिवार रात विमानतल मार्ग
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