मध्यप्रदेश
Dr. Girishanandji Maharaj told in Shankaracharya Math of Indore | इंदौर के शंकराचार्य मठ में डॉ. गिरीशानंदजी महाराज ने बताया: आद्य शंकराचार्य ने ही की थी नर्मदाष्टक ‘नमामि देवी नर्मदे…’ की रचना – Indore News

ओजस पालीवाल.इंदौर2 मिनट पहले
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यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत । अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥… जब जब भारत भूमि और सनातन धर्म पर कुठाराघात होता है, तब-तब किसी न किसी महान विभूति का प्राकट्य होता है। लगभग 2524 साल पहले समूचे भारत वर्ष पर नास्तिक धर्म छाया हुआ था। सनातन धर्म लुप्त होने की कगार पर था, तब विलक्षण प्रतिभा के धनी विश्व के महान दार्शनिक आचार्य शंकर का जन्म केरल के कालड़ी ग्राम में पिता शिव गुरु और माता आर्यम्बा के घर हुआ था। आचार्य शंकर की मां नर्मदा के प्रति काफी श्रद्धा थी, उन्होंने ही जन जन में लोकप्रिय नर्मदाष्टक- नमामि देवी नर्मदे… की रचना की थी।
एरोड्रम क्षेत्र में दिलीप नगर स्थित शंकराचार्य मठ इंदौर के
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