This women is very inspiring – News18 हिंदी

शिखा श्रेया/रांची. कहते हैं अगर हिम्मत और हौसला हो तो कुछ भी असम्भव नहीं होता है.इन बातों को सही साबित कर दिखाया है. झारखंड की राजधानी रांची की रहने वाली श्वेता ने, जिन्होंने 1 साल के अंदर अपने पति और सास -ससुर तीनों को खो दिया. लेकिन, इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी. अपने बच्चों के खातिर एक नया व्यापार शुरू किया. आज श्वेता एक आत्मनिर्भर महिला बन चुकी है.
श्वेता ने लोकेल 18 से कहा कि एक साल में इतना बड़ा हादसा होना मेरे लिए किसी बड़े ट्रॉमा से कम नहीं था. कई बार तो ऐसा होता की रोते -रोते आंसू ही सूख जाते है. लेकिन जब मैं अपने दोनों बच्चों को देखती तो ऐसा लगता है कि रोने से बजाए. अब मुझे इनके लिए खड़ा होना है. उनके भविष्य को संवारना है.जो बचा है. अब उसको सही करना है.
पापड़ और आचार से शुरू किया बिजनेस
श्वेता ने बताया कि मुझे अपने बच्चों के लिए पैरों पर खड़ा होना था. लेकिन, मुझे यह नहीं पता था किआखिर में क्या करूं?. मेरे बच्चों ने बताया कि मां आप पापड़ और आचार अच्छा बनाती है. क्यों ना इसी को बनाया जाए.मैने यही किया. पापड़ और अचार बनाकर मैने अपने व्हाट्सएप स्टेटस में इन सभी चीजों की फोटो लगा दिया. उसके 24 घंटे के भीतर ही मुझे 10 से 12 ऑर्डर मिलने शुरू हो गए. उन्होंने आगे बताया कि इसके बाद मैने फिर अपना क्लाउड किचन भी शुरू किया. यहां स्टेटस में ही कई सारे आइटम्स के अवेलेबल होने की जानकारी लिखी. इसके बाद मुझे पहला आर्डर मोमोज का आया. आज मैं कई सारे आइटम जैसे मोमोज, चाइनीस, नॉर्थ इंडियन व साउथ इंडियन क्लाउड किचन के माध्यम से लोगों के घर तक मै खुद ही पहुंचाती हूं.
विशेष तौर पर पापड़ व अचार ने दिलाई पहचान
श्वेता बताती है कि विशेष तौर पर मुझे पापड़ और आचार ने ही पहचान दिलाई है. क्योंकि, मैं अपने हाथों से बिल्कुल शुद्ध दाल का इस्तेमाल करती हूं. इसमें सारे मसाले भी घर के बने होते हैं. ऑर्गेनिक होने की वजह से इसका स्वाद लाजवाब होता है. इसे लोग बहुत पसंद करते हैं. हर दिन 10-12 पैक आर्डर पापड़ के आते ही है. पापड़ और अचार के अलावा क्लाउड किचन के माध्यम से हर महीने 40 से 50 हजार की कमाई हो जाती है. जिससे मैं अपने दोनों बच्चे जो क्लास 8 वीं रांची के सरला बिरला स्कूल में पढ़ रहे हैं. उनका खर्चा खुद चलाती हूं. मेरे दोनों बच्चे भी इसमें मेरी मदद करते हैं. ऑनलाइन मार्केटिंग करना या फिर स्टेटस में कब क्या लगाना है, यह बच्चे ही देखते हैं.ऑनलाइन मार्केटिंग से मुझे काफी फायदा हुआ. आज भी व्हाट्सएप के स्टेटस को देखकर मुझे अधिक ऑर्डर आते हैं.
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FIRST PUBLISHED : April 21, 2024, 11:42 IST
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