अजब गजब

Meet this female police officer of Chhattisgarh, she joined police job to solve the problems of women, such was her achievement – News18 हिंदी

रामकुमार नायक, रायपुर: जहां चाह है वहां राह है! कुछ ऐसी ही कहानी राजधानी रायपुर में पदस्थ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चंचल तिवारी की है. घर में मां की जिम्मेदारी और ड्यूटी में अपने कर्तव्यों को पूरा करने जबरदस्त सामंजस्य बिठा कर काम कर रहीं हैं. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चंचल तिवारी के पिता सरकारी डॉक्टर हैं, माता हाउस वाइफ थीं. इसके अलावा उनके एक भाई भी है. संयुक्त परिवार में जन्मीं पुलिस अधिकारी चंचल तिवारी की शिक्षा बिलासपुर से पूरी हुई है, बेसिक पढ़ाई सारंगढ़ से हुई है. बिलासपुर साइंस कॉलेज और CMD कॉलेज में ग्रेजुएशन और पोस्ट की पढ़ाई पूरी की. इस दौरान चंचल तिवारी का नेट में सलेक्शन हो गया और असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में काम करने लगी.

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चंचल तिवारी ने बताया कि वर्ष 2012 में छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग का परीक्षा परिणाम आया और उनका DSP के पोस्ट पर चयन हुआ और विगत 10 वर्षों से पुलिस में सेवाएं दे रही हैं. छत्तीसगढ़ के कोरबा, सूरजपुर, अंबिकापुर में सेवा देकर वर्तमान में राजधानी रायपुर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महिला विरुद्ध अनुसंधान इकाई में कार्यरत हैं.

इसलिए चुनी पुलिस की नौकरी
चंचल तिवारी ने कहा कि अपने आसपास रहने वाली महिलाओं की तकलीफ देखती थी. अधिकांश देखा जाता है कि बहुत कम महिलाएं अपनी समस्याओं को सामने रख पाती हैं. चाहें वह घरेलू हिंसा या छेड़छाड़ हो, छोटी बड़ी समस्याएं होती हैं. मुझे लगता था कि यह वह वर्ग है, जो अपनी बात रखने में सक्षम नहीं है. मैं इनकी मदद कर पाऊं, तो मुझे अच्छा महसूस होगा. इसलिए मैंने पुलिस विभाग को चुना ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद की जा सके.

महिलाओं की समस्या समझी
चंचल तिवारी ने बताया कि एक महिला की समस्या को ज्यादा अच्छे से समझ सकते हैं. इसलिए एक दूसरे की सपोर्ट करना चाहिए. बहुत सारी ऐसी चीज हैं, जो शायद पुरुषों को समझने में कठिनाई हो, लेकिन एक महिला ज्यादा अच्छे से हालात को समझ सकती है. इसलिए एक दूसरे की समस्याओं को समझना चाहिए, एक दूसरे को सपोर्ट करना चाहिए और जब कभी भी किसी को महसूस होता है कि पुलिस की आवश्यकता है तो जरूर पुलिस की मदद लेनी चाहिए.

रायपुर में काम का अनुभव
चंचल तिवारी ने बताया कि रायपुर में काम के दौरान महिला रक्षा टीम पर विशेष काम किया है. टीम विगत 2 साल से बहुत अच्छा काम कर रही हैं. इसके अलावा, मंदिर हसौद में एक बच्ची के साथ गैंगरेप हुआ था. उसमें हम लोगों ने 2 घंटे के अंदर आरोपियों को गिरफ्तार किया और अभी इसका ट्रायल चल रहा है और आरोपियों को सजा मिलेगी इसकी संभावना है. पीड़ित को न्याय दिलाने से बहुत ही खुशी होती है.

Tags: International Women Day, Local18, Womens day, Womens Success Story


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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