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कभी बॉलीवुड के इस विलेन का था कब्जा, मायावती हमेशा हुई फेल, क्या इस बार अखिलेश और राहुल मिलकर रोक पाएंगे खिलने से कमल

हाइलाइट्स

1952 से 1971 तक यहां से लगातार 5 चुनाव कांग्रेस पार्टी ने जीते.
1999 और 2004 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर राज बब्बर दो बार सांसद बने.
वर्ष 2009 से अब तक यह सीट बीजेपी के कब्जे में लगातार बनी हुई है.

Aam Chuanv Latest News: आगरा लोकसभा सीट एक ऐसी सीट रही है जहां से बहुजन समाज पार्टी को कभी भी जीत नहीं मिली है. मायावती के छोड़कर अन्य सभी राजनीतिक पार्टियों चाहे वो कांग्रेस हो या फिर समाजवादी पार्टी, जनता दल हो भारतीय जनता पार्टी, सभी ने यहां खूब राज किया है. हिंदी फिल्मों के अपने जमाने के मशहूर विलेन राज बब्बर यहां से दो बार सांसद रह चुके हैं. बीजेपी ने एक बार फिर यहां से वर्तमान सांसद एसपी सिंह बधेल पर भरोसा जताया है. आएये जानते हैं आगरा लोकसभा सीट से जुड़ी कई दिलचस्प बातें-

ताज नगरी के नाम से मशहूर आगरा की लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. आगरा कुल 4,027 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. इसकी आबादी 44,18,797 है. और मतदाताओं की संख्या 19,04,698 है. आगरा लोकसभा में 5 विधान सभा क्षेत्र आते हैं. इनमें एत्मादपुर, आगरा कैंट, आगरा उत्तर, आगरा दक्षिण और जलेसर विधानसभा हैं. सभी पांचों विधानसभा सीटों पर भगवा परचम लहरा रहा है. आगरा की 88 प्रतिशत आबादी हिंदू और 9 प्रतिशत जनसंख्या मुस्लिम है. वैसे तो ताजमहल और लाल किला के कारण यह पर्यटन नगरी है. लेकिन यहां का मुख्य उद्योग पेठा और जूता है. ताजमहल के कारण यहां पर्यटन उद्योग के जरिए भी लाखों लोगों की आजीविका चलती है. महराजा अग्रसेन के नाम पर इस नगरी का नाम आगरा पड़ने और अंग्रेजों के समय से देश की राजधानी होने के भी प्रमाण मिलते हैं.

आगरा लोकसभा सीट के प्रमुख मुद्दे
आगरा में सबसे बड़ी समस्या खारे पानी की है. पानी की समस्या से लोग यहां सबसे ज्यादा परेशान रहते हैं. आजादी के 76 साल बाद भी यहां पेयजल की समस्या जस की तस बनी हुई है. शहर हो या देहात पूरे जिले में पानी की समस्या दिन-ब-दिन विकराल होती जा रही है. चुनाव के वक्त शहर के सबसे ज्वलंत मुद्दे को राजनीतिक पार्टियां अपनी पोटली से निकालती हैं, लेकिन चुनाव होते ही इस बारे में बात होनी बंद हो जाती है. आगरा में बैराज की मांग का भी बहुत अहम मुद्दा है. आगरा में विश्व की सबसे खूबसूरत इमारत ताजमहल होने के कारण यहां हमेशा ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है. बाहर से आने वाली देसी-विदेशी पर्यटक जाम में फँसते हैं.

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आगरा लोकसभा सीट का इतिहास
आगरा लोकसभा सीट पर पहला चुनाव 1952 में हुआ था. 1952 से 1971 तक यहां लगातार 5 चुनाव कांग्रेस पार्टी ने जीता. सेठ आंचल सिंह ने लगातार 25 साल आगरा का प्रतिनिधित्व किया. इमरजेंसी के कारण 1977 में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा और जनता पार्टी के शंभुनाथ चतुर्वेदी विजयी हुए. इसके बाद 1980 और 1984 में कांग्रेस ने फिर से इस सीट को अपने कब्जे में लिया और निहाल सिंह लगातार दो बार सांसद चुने गए. 1989 में बाजी फिर पलटी और यह सीट जनता दल के कब्जे में चली गई.

1991 में भारतीय जनता पार्टी का खाता खुला. भगवान शंकर रावत यहां से लगातार तीन बार कमल के निशान पर सांसद बने. 1999 और 2004 में यह सीट समाजवादी पार्टी के खाते में चली गई और फिल्मी अभिनेता से राजनेता बने राज बब्बर लगातार दो बार चुनाव जीते.

2009 के चुनाव में भाजपा ने आगरा लोकसभा सीट पर फिर से कब्जा जमाया और उसके बाद से आज तक बीजेपी का इस सीट पर लगातार जीत दर्ज कर रही है. 2009 और 2014 में यहां से राम शंकर कठेरिया सांसद बने. वर्तमान में यहां एसपी सिंह बघेल सांसद हैं और केंद्र सरकार में स्वास्थ्य राज्य मंत्री हैं.

2019 के लोकसभा चुनाव परिणाम
आगरा से भाजपा के सत्‍यपाल सिंह बघेल ने 6,46,875 वोट पाकर बीजेपी को जीत दिलाई थी. यहां से बहुजन समाज पार्टी के मनोज कुमार सोनी 4,35,329 वोट हासिल कर दूसरे स्‍थान पर और कांग्रेस के प्रीत हरित 45,149 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे. इस चुनाव में भाजपा को 56 फिसदी से अधिक वोट मिले थे. तब यहां समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजपार्टी के बीच गठबंधन था. हाथी और साइकिल के गठबंधन को 38 फिसदी वोट मिले थे.

पुलिस सब इंस्पेक्टर थे बधेल
एसपी सिंह बघेल किसी समय में उत्तर प्रदेश पुलिस में सब इंस्पेक्टर थे. 1989 में मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद वे उनकी सुरक्षा में शामिल रहे थे. बघेल की निडरता, मेहनत और ईमानदारी को देखते हुए मुलायम सिंह यादव ने उन्हें जलेसर सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर उतारा और वे 1998 में पहली बार विधायक बने और मुलायम सरकार में मंत्री भी रहे.

बीजेपी में शामिल होने के बाद ने एसपी बघेल ने 2014 में फिरोजाबाद सीट से रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव के खिलाफ मैदान में उतरे, लेकिन चुनाव हार गए. 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव में वे टूंडला से विधायक बने और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने. प्रदेश मंत्री रहते हुए बघेल ने 2019 के लोकसभा चुनाव में आगरा सीट से ताल ठोंकी और चुनाव जीत गए. इस बार फिर से बीजेपी ने सत्यपाल सिंह बघेल पर अपना भरोसा जताते हुए आगरा से अपना उम्मीदवार बनाया है.

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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