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एमपी कांग्रेस
– फोटो : सोशल मीडिया
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पूर्व सीएम कमलनाथ का रविवार को भाजपा में शामिल होने तय माना जा रहा था। इसको लेकर उनके समर्थकों और चाहने वाले लोगों की लामबंदी भी दिल्ली में शुरू हो गई थी। इस बीच पल-पल बदलते घटनाक्रम के बाद कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने पर संशय के बादल छा गए। इसे लेकर कहा जा रहा है कि प्रदेश भाजपा के नेताओं ने कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने पर ब्रेक लगा दिया। इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि कमलनाथ और भाजपा के दिग्गज नेताओं के बीच बातचीत में सहमति नहीं बन सकी। यही वजह है कि पूर्व सीएम कमलनाथ खुद भाजपा में शामिल होने को लेकर कोई भी बयान देने से बचते रहे।
भाजपा की कोई मजबूरी नहीं
मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार प्रभु पटैरिया का कहना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के समान कमलनाथ को लेने की भाजपा की कोई मजबूरी नहीं है। भाजपा कमलनाथ को लेना चाहती है, लेकिन वह अपना और बेटे का राजनीतिक हित देख रहे हैं। दिग्विजय सिंह ने भी कहा कि उनके ऊपर एजेंसियों का दबाव होगा। इसलिए वे भाजपा की तरफ जा रहे हैं। वहीं, कांग्रेस में उनके लिए कोई प्रतिष्ठापूर्ण पद भी नहीं बचा है, जैसा पहले हुआ करता था। इसलिए उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलों को बल मिल रहा है।
भाजपा प्रदेश नेताओं ने लगाया ब्रेक
कहा जा रहा है कि प्रदेश भाजपा के नेताओ ने उनके भाजपा में शामिल होने पर ब्रेक लगा दिया है। चर्चाओं के मुताबिक प्रदेश नेतृत्व के नेताओं का कहना था कि जब सब बाहर से ही आ जाएंगे तो हमारे लोगों का क्या होगा? ज्योतिरादित्य सिंधिया के आने के बाद भाजपा के कई पुराने नेताओं के करियर पर संकट आ गया। कई नेता ऐसे भी जिनका क्षेत्र में कोई नाम लेने वाला नहीं बचा है। कमलनाथ के आने के बाद ही छिंदवाड़ा और महाकौशल में सालों से संघर्ष कर रहे भाजपा नेताओं का क्या होगा? यही सवाल प्रदेश नेतृत्व को खाए जा रहा है।
सिंधिया के साथ भी चुनौती
यह चुनौती सिर्फ प्रदेश भाजपा नेतृत्व को ही नहीं है बल्कि तीन साल पहले कांग्रेस छोड़कर आए ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने भी खुद को बनाए रखने का चैलेंज होगा, क्योंकि कमलनाथ से अदावत के बाद ही उन्होंने कांग्रेस छोड़ी थी। अब यदि कमलनाथ भाजपा में शामिल होते हैं तो साथ मिलकर काम करना होगा। ऐसे में सिंधिया की राह आसान नहीं होगी, क्योंकि दोनों बड़े नेता है। दोनों की एंट्री आलाकमान के जरिए होगी। सिंधिया की एंट्री भी आलाकमान के जरिए हुई। कमलनाथ भी यदि भाजपा में आते हैं तो दिल्ली के जरिए ही आएंगे। ऐसे में प्रदेश के नेताओं के साथ ट्विनिंग आसान नहीं होगी। शायद यही वजह है कि प्रदेश नेतृत्व असमंजस में है।
ऐसे शुरू हुआ अटकलों का बाजार
कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने की अटकलें उनको प्रदेश अध्यक्ष से हटाने के बाद से शुरू हुई। राज्यसभा में नहीं भेजने पर इन बातों को बल मिला। साथ ही उनके बेटे नकुलनाथ ने सोशल मीडिया हैंडल से कांग्रेस का नाम हटा दिया। उनके समर्थक सज्जन सिंह वर्मा ने भी सोशल मीडिया हैंडल से कांग्रेस पार्टी का नाम हटा दिया। इन सारी चीजों के बाद ही यह चर्चा तेज हो गई थी कि कमलनाथ भाजपा में जाएंगे। हालांकि, इन कयासों पर ना तो कमलनाथ कुछ बोल रहे और न ही नकुलनाथ इसे खारिज कर रहे। इस बीच, कांग्रेस के बड़े नेताओं ने कमलनाथ को मनाने की कोशिश भी की। साथ ही कहा जा रहा है कि राहुल गांधी ने उनसे फोन पर बात भी की है।
विजयवर्गीय: मप्र में दरवाजे बंद, दिल्ली विचार करे तो कुछ नहीं बोल सकते
उधर, मप्र के मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कमलनाथ जैसे नेताओं के लिए मध्य प्रदेश भाजपा के दरवाजे बंद हैं। अगर, दिल्ली कोई विचार करती है तो इस पर हम कुछ नहीं बोल सकते। लेकिन, मप्र में हम लोगों ने निर्णय लिया है कि हम उन्हें भाजपा में नहीं आने देंगे।
दिग्विजय बोले- कमलनाथ कांग्रेस का स्तंभ
राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा- कमलनाथजी से मेरी लगातार चर्चा हो रही है। पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं की लगातार चर्चा हो रही है। मुझे नहीं लगता कि वो पार्टी छोड़ेंगे, ऐसा कौनसा पद है, जो उन्हें नहीं मिला। वे कांग्रेस के स्तंभ रहे हैं। उन्हें हम इंदिरा गांधी का तीसरा बेटा कहते थे। आईटी और ईडी का जो दबाव सब पर है वो उन पर भी है। लेकिन, उनका चरित्र ऐसा नहीं है कि वो ऐसे किसी दबाव में आएंगे।
सज्जन वर्मा- कमलनाथ ने पार्टी छोड़ने के बारे में नहीं सोचा
कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने पूर्व सीएम कमलनाथ से मुलाकात के बाद मीडिया से चर्चा में कहा कि मेरी उनसे चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि अभी उनका फोकस इस बात पर है कि मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर जातिगत समीकरण कैसे होंगे। वर्मा ने कहा कि उन्होंने पार्टी छोड़ने के बारे में ऐसा कुछ नहीं सोचा है।
जीतू पटवारी बोले- छवि खराब करने का भाजपा का षड्यंत्र
उधर, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी मीडिया का दुरुपयोग कर किसी भी राजनेता की छवि खराब करने और उसकी अपने दल के प्रति प्रतिबद्धता पर संदेह पैदा करने का षड्यंत्र रचती रही है। उन्होंने कहा कि मेरी कमलनाथ जी से चर्चा हुई है। पटवारी ने कहा कि कमलनाथ जी ने स्पष्ट किया है कि मीडिया में चल रही खबरें निराधार और षड्यंत्र का हिस्सा है। कमलनाथ जी ने कहा है कि “मैं हमेशा कांग्रेसी था, कांग्रेसी हूं और कांग्रेसी ही रहूंगा।”
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