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इंदौर4 मिनट पहले
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इंदौर के हीरानगर इलाके के एक कमरे में सुहागपुर के बैक के ब्रांच मैनेजर ने सुसाइड कर लिया। वह एक सप्ताह पहले यहां अपने इलाज के लिये आए थे। वह ठीक भी हो रहे थे। लेकिन शनिवार को परिवार के लोगो को जिद कर मंदिर दर्शन करने के लिये भेजा ओर कमरे में फांसी लगा ली। पुलिस ने मामले में मर्ग कायम किया है।
हीरानगर पुलिस के मुताबिक इलाके में किराये के कमरे में रहने वाले अर्पित(30) पुत्र श्रीपथ मिश्रा ने शनिवार दोपहर फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। वह अपने कमरे पर अकेले थे। पिता श्रीपथ ने जानकारी देते हुए बताया कि अर्पित को करीब एक सप्ताह पहले सर्जरी के लिये इंदौर लेकर आए। उनका मेंदाता अस्पताल में इलाज भी हुआ। डॉक्टर ने सात दिन बाद चेकअप के लिये कहां। अर्पित शनिवार को माता पिता पत्नी ओर सास से खजराना दर्शन करके आने की जिद करने लगा। जब परिवार के लोग दर्शन करने गए तो अर्पित ने फांसी लगा ली।
15 दिन पहले रीवा में हुई सर्जरी,फिर हुआ इंफेक्शन
अर्पित मूल रूप सतना के रहने वाले है। तीन साल पहले उनकी शादी हुई। सुहागपुर की निजी बैक में वह ब्रांच मैनेजर के पद पर है। छोटा भाई इलाहबाद में आईटी इंजीनियर है।
बीमारी होने के चलते उन्होंने रीवा में 15 दिन पहले उसे आपरेट कराया। जिसके बाद घाव पर इंफेक्शन होकर मवाद जमने लगा। अर्पित के साले इंदौर में रहते है। उन्होंने कहां कि इंदौर के मेंदाता अस्पताल में डॉक्टर को बता देते है। यहां फिर से एक सर्जरी हुई। जिसमें तीन बाद डॉक्टरो ने अस्पताल से छुट्टी कर दी। वही सात में चेकअप के लिये आने का कहां। लेकिन घाव भरने में करीब एक से डेढ़ माह का समय दिया। परिवार को लगा कि करीब दो माह का समय उपचार में लगेगा तो उन्होंने हीरानगर में दो कमरो का मकान किराये से ले लिया। यहां पत्नी ओर माता पिता ओर सास के साथ वह गुरूवार को आकर रूके थे।
रात को सतना जाने वाले थे माता पिता
अर्पित ने जिद करके शुक्रवार को माता पिता को महाकालेश्वर दर्शन करने भेजा। शनिवार शाम बस से उनके सतना के टिकीट भी बुक रहा दिए। लेकिन दोपहर में खजराना गणेश के दर्शन करने को लेकर जिद करने लगा। इसके बाद पत्नी ओर सास दर्शन करने जाने के लिये राजी नही थी। लेकिन अर्पित ने जबदस्ती कर उन्हें भेज दिया। फिर सुसाइड जैसा कदम उठा लिया। परिवार के मुताबिक अर्पित की शादी को तीन साल हो गए।
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