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‘जवान बेटे की मौत से भी गहरा दुख…’, VP जगदीप धनखड़ के मन में क्यों आया इस्तीफा देने का विचार

हाइलाइट्स

जगदीप धनखड़ ने कहा कि कांग्रेस सदस्यों के रवैये से उनको इस्तीफा देने का विचार आया.
धनखड़ ने कहा कि आज उनको अपने जवान बेटे की मौत से भी ज्यादा दुख हुआ.
जयंत चौधरी को बोलने से रोकने की कांग्रेस सांसदों की कोशिश से विवाद हुआ.

नई दिल्ली. राज्यसभा (Rajya Sabha) के सभापति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने शनिवार को कहा कि जब जयंत चौधरी अपने दादा चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की घोषणा पर सदन को संबोधित कर रहे थे, उस वक्त कांग्रेस (Congress) सदस्यों के ‘अपमानजनक’ आचरण से वह इतने दुखी हुए कि एक ‘किसान पुत्र’ होने के नाते उनके मन में अपने पद से तुरंत त्यागपत्र देने का विचार आया. अर्थव्यवस्था पर लाए गए श्वेत पत्र पर राज्यसभा में चर्चा का वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा जवाब दिए जाने के तुरंत बाद धनखड़ ने सदन में कुछ सदस्यों के आचरण पर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए यह बात कही.

जगदीप धनखड़ ने अपने जवान बेटे के निधन की पीड़ा साझा करते हुए कहा कि आज उन्हें उससे भी अधिक पीड़ा हुई जब जयंत चौधरी बोल रहे थे और कांग्रेस के सदस्य अपमानजनक आचरण कर रहे थे. उन्होंने कहा कि उस समय कांग्रेस के जयराम रमेश ने क्या कहा, वह सब सुन रहे थे. सभापति धनखड़ ने कहा कि ‘यह तथ्य है कि आप (रमेश) इस दुर्व्यवहार के कारण इस सदन का हिस्सा बनने के लायक नहीं हैं.’ धनखड़ ने सदस्यों से अनुरोध किया कि राजनीतिक बहस में चाहे वह जितने हथियार निकालें लेकिन जहां व्यक्तियों के सम्मान की बात आती है तो सभी को बहुत संवेदनशील होना चाहिए.

जिंदगी का सबसे पीड़ा देने वाला दिन
राज्यसभा के सभापति धनखड़ ने नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आचरण पर भी गहरा क्षोभ प्रकट किया. जयंत को बोलने की अनुमति देने के धनखड़ के फैसले पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया जताई थी. जिसके बाद विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक हुई. धनखड़ ने दुखी और आहत मन से कहा कि ‘आज का दिन मेरे लिए अत्यंत पीड़ा का रहा.’ उन्होंने कहा कि ‘जब यह मुद्दा उठा और जो आचरण मैंने देखा, वह अप्रत्याशित, अपमानजनक, पीड़ादायक और गरिमा के विपरीत था. कुछ लोगों का आचरण इतना छोटा था कि मैं शर्मसार हो गया. मेरे मन में कई विचार आए. किसान पुत्र होने के नाते मेरे मन में एक विचार तुरंत पद त्याग का भी आया.’

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खून के घूंट पीता रहता हूं
सभापति का इशारा जयंत चौधरी को बोलने का अवसर देने पर नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से आपत्ति जताने और कुछ विपक्षी सदस्यों की ओर से हंगामा किए जाने की ओर था. धनखड़ ने कहा कि वह नेता प्रतिपक्ष खड़गे का बहुत आदर करते हैं क्योंकि उनका एक लंबा व सादगी भरा राजनीतिक जीवन रहा है. उन्होंने कहा कि ‘पर मैं खून के घूंट पीता रहता हूं कि आसान की गरिमा को वह ध्यान नहीं रखते. मैं इस चीज को हमेशा दूसरी दृष्टि से देखता हूं पर इसकी भी एक हद है. आसन को चुनौती देना… यह किसी को भी शोभा नहीं देता… खास तौर से प्रतिपक्ष के नेता को.’

Tags: Congress, Jagdeep Dhankhar, Rajya sabha


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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