खेती से नहीं चल रहा था घर परिवार…तो शुरू किया यह काम, अब हर साल 8 लाख से अधिक की कमाई

अमित कुमार/समस्तीपुर : अगर मन में दृढ़ संकल्प और कुछ कर गुजरने का हौसला हो तो हर मुश्किल राह आसान हो जाती है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया समस्तीपुर जिला के पटोरी अनुमंडल क्षेत्र के रामगामा गांव के रहने वाले विजय कुमार राय ने. वो कई वर्षों से खेती किसानी पर आश्रित थे. इससे उनके परिवार का जीविकोपर्जन सही से नहीं हो पा रहा था. तब इन्होंने मुर्गा फॉर्म शुरू किया. अब इससे 75 से 80 हजार रुपया की कमाई करते हैं. आइए जानते हैं विजय कुमार राय के सफर को.
3500 मुर्गा रखने का फॉर्म किया गया तैयार
विजय कुमार राय ने बताया किबहुत मुश्किल से बच्चों की पढ़ाई करा पाते थे. पड़ोसी द्वारा काफी समय से मुर्गा फॉर्म का बिजनेस किया जा रहा था. इसके के बाद पड़ोसी से सलाह ली और 3500 मुर्गा रखने का एक फॉर्म तैयार किया. इसके बाद लगातार इन्होंने हैचरी से डायरेक्ट चूजा खरीद कर पालन करना शुरू किया. उन्होंने बताया कि 35 दिन तक चूजा को दाना खिलाकर 2 KG से अधिक बड़ा किया जाता है. इसके बाद व्यापारियों के हाथों उसे बेच दिया जाता है.
पटोरी अनुमंडल क्षेत्र के रामगमा गांव के रहने वाले विजय कुमार राय बताते हैं कि वह पहले से कृषि पर आश्रित थे, लेकिन कृषि से उतना कोई मुनाफा नहीं हो पता था. जिससे परिवार के भरण पोषण में भी काफी परेशानी होती थी. जिसके मध्य नजर रखते हुए. उन्होंने मुर्गा फॉर्म करने का निर्णय लिया. आज 3500 क्षमता वाली मुर्गा फार्म खोल खर्चे काटकर हर 35 से 40 दोनों पर 75 हजार से 80000 रुपए का मुनाफा कमा लेते हैं.
इन बातों का रखें ख्याल
उन्होंने बताया कि मुर्गा फॉर्म का बिजनेस करने के लिए लोगों को तौर तरीका मालूम होना जरूरी है. अन्यथा फायदा कम, घाटा ज्यादा सहना पड़ेगा. वह बताते हैं कि हैचरी से जब चूजा खरीद कर लाते हैंतो उसे टेंपरेचर का भी ध्यान रखना पड़ता है. जिसके लिए इन्होंने कई अलग-अलग तरह का हैलोजन लाइट का व्यवस्था कर रखे हैं. ससमय पर उक्त चूजा को कैल्शियम में मिक्स कर दान दिया जाता है. ताकि चूजा ज्यादा विकास हो सके. 35 से 40 दिनों तक उसे पास पाल कर तैयार किया जाता है. फिर व्यापारियों के हाथों बेच दिया जाता है.
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FIRST PUBLISHED : January 28, 2024, 21:43 IST
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