शिखर धवन का शिष्य है बिहार का ये लाल, एक साल में ठोक दिए 5009 रन, क्रिक हीरोज ने किया सम्मान

ऋतु राज/मुजफ्फरपुर. मुजफ्फरपुर से निकलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में धाक जमाने वाले शाहबाज नदीम के बाद अब महज 12 साल के स्वर्णमोल रत्न ने जिले के साथ-साथ बिहार का नाम रोशन किया है. भारत में क्रिकेट के खिलाड़ियों का रिकॉर्ड रखने वाली वेबसाइट ‘क्रिक हीरोज’ ने देशभर के तकरीबन चार करोड़ युवा क्रिकेटरों में से ‘इमर्जिंग बैटर’ कैटेगरी के लिए स्वर्णमोल रत्न का चयन किया है.
वेबसाइट ने इस कैटेगरी में स्वर्ण मोल समेत कुल 10 खिलाड़ियों को शामिल किया है. बताते चलें कि क्रिक हीरोज ने इन खिलाड़ियों का चयन देशभर के उभरते क्रिकेटरों के 2023 के मैचों में किए गए प्रदर्शन के आधार पर किया है. बीते साल स्वर्णमोल ने कुल 117 इनिंग में 5009 रन बनाए थे. एक मैच में विपक्षी टीम के 276 रन को चेंज करते हुए स्वर्णमोल ने अकेले 99 गेंदों में 11 छक्के की मदद से 168 रन बनाए थे.
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स्कूल से की थी खेलने की शुरुआत
स्वर्ण मोल बताते हैं कि क्रिकेट खेलने की शुरुआत उन्होंने अपने स्कूल से ही की. स्कूल के शिक्षक तालिब अली ने उसकी प्रतिभा को पहचाना और प्रेरित किया. इसके बाद ही उसने ठान लिया कि अब क्रिकेट को ही अपना जीवन बनाना है. इसके बाद ट्रेनिंग को विस्तार देने के लिए कई कोच से जुड़े. स्वर्णमोल ने बताया कि आज क्रिकेट में उन्होंने जो भी मुकाम हासिल किया, इसमें उनके कोच की बड़ी भूमिका है. वह वर्तमान में धाकड़ बल्लेबाज शिखर धवन के मेंबरशिप में चल रही संस्था पुश स्पोर्ट्स में ट्रेनिंग ले रहे हैं. साथ ही देश के कई प्रमुख संस्थानों के साथ भी क्रिकेट खेल चुके हैं.
मां के सपनों को कर रहा पूरा
शहर के गोबरसही मोहल्ला के रहने वाले अमोल रत्न बताते हैं कि क्रिकेट के प्रति उनके बेटे स्वर्णमोल की रुचि बचपन से ही रही है. वह रोजाना मैदान पर 4 से 6 घंटा प्रैक्टिस करता है. वे बताते हैं कि कोरोना काल में स्वर्णमोल की मां निक्की गुप्ता का देहांत हो गया. उसकी मां हमेशा चाहती थी कि स्वर्णमोल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत के लिए खेले. अपनी मां के इसी सपने को साकार करने के लिए दिन-रात खेल के मैदान में पसीना बहा रहा है.
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FIRST PUBLISHED : January 9, 2024, 16:38 IST
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