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इंदौर2 मिनट पहले
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हमारा समाज नैतिक मूल्यों के पतन की ओर बढ़ रहा है। वेदांत वह दर्शन और चिंतन है जो मानव को महामानव बनने की ओर प्रवृत्त करता है। वेदांत की महत्ता हर युग में प्रासंगिक है। ब्रह्मलीन स्वामी अखंडानंद महाराज ने अपने तप, तेज और साधना से वेदांत को घर-घर पहुंचाया। महापुरुषों के सद्कर्मों की सुगंध कभी नष्ट नहीं होती। वेदांत का दर्शन संस्कारों की विकृति को रोकता है। संत-विद्वान चलते-फिरते तीर्थ होते हैं लेकिन उनका चयन हमारे विवेक पर निर्भर होना चाहिए। संत-महापुरुषों की स्मृतियां मन के विचलन को थाम लेती है।
बिजासन रोड स्थित प्राचीन अखंडधाम आश्रम पर 56वें अ.भा. अखंड
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