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आशीष उरमलिया/मनोज शुक्ला (सीधी)9 मिनट पहले
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‘सरकार ने जो सहायता राशि दी थी उससे मकान और शौचालय बना लिया। अब मैं फिर गरीबी की हालत में पहुंच गया हूं। सरकारी नौकरी देने का वादा भी पूरा नहीं हुआ। अब मैं किससे मदद मांगने जाऊं। अब मुझे कोई पूछ नहीं रहा है।’
सीधी पेशाबकांड का पीड़ित दशमत रावत कुछ इस तरह से अपने
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