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Chhatarpur: अब सैटेलाइट सिग्नल के जरिये होगी जमीनों की नपती: सीमांकन के झगड़े मिटाएगी नई रोवर मशीन, पटवारियों को दिया जा रहा प्रशिक्षण

छतरपुर. कॉलोनी और खेती की जमीनों की नपती करने के लिए अब आरआई-पटवारी को टीएसएम आदि से मुक्ति मिलने वाली है। जल्द ही जमीनों की नपती अब आधुनिक मशीनों से की जाएगी। इसके लिए आरआई-पटवारी को जीएनएस रोवर मशीन का मेला ग्राउंड छतरपुर में तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

यह बात प्रशासन से लेकर शासन तक बखूबी जानता है कि बुन्देलखण्ड का छतरपुर जिला जमीनों के सीमांकन को लेकर आज भी कई तरह के विवादों और समस्याओं से जूझ रहा है। अंतत: राज्य शासन ने जिले की अब इस समस्या का स्थाई समाधान कर दिया है। इसके लिए फिलहाल जिले को एक जीएनएसएस रोबर मशीन उपलब्ध करा दी गई है। इस मशीन के द्वारा जमीनों का चाहे जितना बढ़ा सीमांकन करना हो कुछ ही देर में मशीन सीमांकन कर देती है। विदित हो कि जिले को उपलब्ध कराई गई यह मशीन अब तक लगभग 50 जमीनों का सीमांकन कर चुकी है।

सीमांकन मशीन का एक टावर बिजावर बनाया गया
विशेष ध्यान दिए जाने वाला तथ्य यह है कि जमीनों का सीमांकन करने के लिए बनाई गई जीएनएसएस मशीन को सेटेलाईट से जोड़ा गया है। जिले में इस मशीन के लिए बिजावर में एक मात्र टावर बनाया गया है। इस टावर के जरिए समूचे छतरपुर जिले में किया जाने वाले जमीनों का सीमांकन अब और आसान हो जायेगा। गौरतलब है कि आवासीय, सार्वजनिक अथवा खेती की जमीनों का सीमांकन अब तक पुरानी व्यवस्थाओं और सुविधाओं के जरिए ही होता रहा है। लेकिन अब प्राप्त हुई इस मशीन से पुरानी सभी व्यवस्थाओं का अब कोई उपयोग नहीं रह गया है बल्कि अब यह मशीन उपयोग में लाई जा रही है और सीमांकन में किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी न हो इसका परिचालन सही तरीके से हो इसी उद्देश्य से सभी पटवारियों को प्रशिक्षत किया जाना जरूरी माना गया और प्रशिक्षण का यह सिलसिला भी शुरू हो गया है।

दो मास्टर ट्रेनरों ने दी महत्वपूर्ण जानकारी
जीएनएसएस रोबर मशीन का जिले के पटवारियों को प्रशिक्षण देने के पूर्व शासन के निर्देशानुसार ग्वालियर में मास्टर ट्रेनरों को तैयार किया गया। ग्वालियर प्रशिक्षण प्राप्त कर छतरपुर लौटे दो मास्टर ट्रेनर कमलेन्द्र पटैल और देवराज अहिरवार स्वयं पटवारी है उन्होंने बताया कि सीमांकन के लिए छतरपुर को उपलब्ध कराई गई एक मात्र जीएनएसएस रोबर मशीन अब तक लगभग 50 जमीनों का सफलता पूर्वक सीमांकन कर चुकी है। बुधवार को कलेक्टर कार्यालय के पास स्थित मेला जलबिहार मैदान में इन्हीं दोनों मास्टर ट्रेनरों द्वारा कई पटवारियों को प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें पटवारी सुखदेव यादव, अभिषेक शुक्ला, हनेद्र पटैल, धर्वेन्द्र मिश्रा, योगेश त्रिपाठी, महेश शर्मा, हरिपाल सिंह, अंकुर पाण्डेय, प्रदीप पाठक, शंकर कुशवाहा, परमवीर राय, मनोज घोष, पूजा पाठक, करूणेन्द्र आर्य, अनिल अहिरवार, अंजनी पटेल, उमाशंकर पटेल आदि पटवारी शामिल रहे। मास्टर ट्रेनर द्वय ने यह भी जानकारी दी कि विगत चार माह पूर्व छतरपुर जिले को जमीनों का सीमांकन करने वाली यह मशीन प्राप्त हुई है। इस मशीन की कीमत करीब 9 लाख रूपए बताई गई है।

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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