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कांग्रेस प्रत्याशी माया त्रिवेदी ने लगाया बड़ा आरोप
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने नागदा विधानसभा में भाजपा के कार्यकर्ता द्वारा 1 दिसंबर को डाली गई पोस्ट और 3 दिसंबर को आए परिणामों को लेकर ट्विटर पर एक पोस्ट डाली थी, जिसमें बताया गया था कि भाजपा कार्यकर्ता को मतगणना के दो दिन पहले ही नागदा विधानसभा के परिणाम पता थे, जिन्होंने यह पहले ही बता दिया था कि नागदा विधानसभा क्षेत्र से इस बार भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी तेजबहादुर सिंह की जीत होगी और वह 15000 से अधिक मतों से विजय होंगे। अभी यह पोस्ट सुर्खियों में ही थी कि उज्जैन उत्तर से कांग्रेस पार्टी की ओर से चुनाव लड़ी माया त्रिवेदी ने भी ईवीएम में गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगाए हैं।
उनका कहना है कि मतगणना के दिन कांग्रेस के गणना अभिकर्ताओं ने लगभग 17 बार आपत्ति ली, लेकिन इन गणना अभिकर्ताओं की आपत्ति को एआरओ ने गंभीरता से नहीं लिया। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी के गणना अभिकर्ता जोकि पोस्टल बेल्ट के एक-एक वोट को लेकर आपत्ति लगा रहे थे। उन्हें ईवीएम मशीन पर सील और साइन न मिलने, सील के नंबर अलग होने, मतदान केंद्र पर डाले गए वोटों की जानकारी के पत्रक में अंतर होने जैसी समस्या से कोई आपत्ति नहीं थी जोकि सीधे तौर पर इसी और इशारा करती है कि ईवीएम से मिलने वाले वोट के प्रति तो भाजपा के अभिकर्ता निश्चिंत थे कि यह वोट तो उन्हें ही मिलने वाले है।
ईवीएम में हुई गड़बड़ी: माया राजेश त्रिवेदी
उज्जैन उत्तर से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ने वाली माया राजेश त्रिवेदी ने बताया कि मतगणना के दिन हम पूरी मतदान प्रक्रिया पर अपनी नजर जमाए हुए थे। जिसपर हमने कई बार आपत्ति भी की, लेकिन भाजपा द्वारा ईवीएम की एक भी गड़बड़ी पर आपत्ति न लेना यह दर्शाता है कि ईवीएम में कुछ ना कुछ गड़बड़ी तो जरूर थी। उन्होंने बताया कि दोनों पार्टी के गणना अभिकर्ताओं का दायित्व होता है कि वह अपने-अपने पक्ष की रक्षा करें, लेकिन भाजपा के गणना अभिकर्ताओं ने ऐसा नहीं किया वे इस बात के लिए आश्वस्त थे कि परिणाम उनके पक्ष में ही आने वाला है। आपने मतगणना के दिन ली गई आपत्तियों को सार्वजनिक करते हुए बताया कि इस गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और पीसीसी को इस बारे में जानकारी दे दी गई है। उन्होंने बताया कि पीसीसी के निर्देश के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि हमें क्या करना है। कांग्रेस पार्टी इस मामले को लेकर सामूहिक रूप से न्यायालय जाएगी या इसके लिए हमें स्वयं न्यायालय की शरण लेना होगी।
इन गणना अभिकर्ताओं ने ली थी आपत्ति
मतगणना के दिन उज्जैन उत्तरविधानसभा क्रमांक 216 से कांग्रेस प्रत्याशी माया त्रिवेदी की ओर से कई लोगों को गणना अभिकर्ता बनाया गया था। जोकि हर टेबल पर मतगणना की सभी प्रक्रियाओं पर अपनी निगाह बनाए हुए थे। श्रीमती माया त्रिवेदी द्वारा आपत्ति के सार्वजनिक किए गए दस्तावेजों में माजीद खान, सतीश सारवान, योगेश साद, असफान खान, सुरेश गहलोत, करण सिंह, अर्पित दुबे के साथ के अन्य अभिकर्ताओं ने उज्जैन उत्तर के एआरओ को लिखित में शिकायत दर्ज करवाई गई थी। जिस पर एआरओ की रिसिप्ट भी दिखाई दे रही है। इन दस्तावेजों पर ध्यान दिया जाए तो पता चलेगा कि अधिकतम गड़बड़ियां एवं पर सील साइन नहीं मिलने, सील पर साइन का ना होना, सील के नंबर अलग होने, मतदान केंद्र पर डाले गए वोटो की जानकारी के पत्रक में अंतर पाया जाना, ग्रीन पेपर सील अलग होना, मतदान अभिकर्ता के हस्ताक्षर नहीं होना, प्रारूप 17 ग से ईवीएम मशीन के नंबर मैच नहीं होने जैसी शिकायतों को लेकर आपत्ति दर्ज करवाई गई थी।
दिनभर चलने के बावजूद भी ईवीएम की बैटरी 99% कैसे….?
माया त्रिवेदी ने बताया कि 17 नवंबर को मतदान के दिन पूरे दिन भर वोटिंग होने के बाद ईवीएम मशीनों को इंजीनियरिंग कॉलेज के स्ट्रांग रूम में रख दिया गया था, लेकिन मतगणना वाले दिन जब यह मशीन खोली गई तो इन मशीनों में लगभग 100 से अधिक ऐसी मशीन थी। जिनकी बैटरी 99 और 98% तक चार्ज थी और इन्हीं ईवीएम मशीनों से भारतीय जनता पार्टी को सबसे अधिक बढ़त मिली है। अन्य ईवीएम मशीन जो की 70 और 72% तक चार्ज मिली इन मशीनों में कांग्रेस। और बीजेपी को या तो समानांतर वोट मिले या फिर कांग्रेस को अधिक ईवीएम के 99% चार्ज होने पर सवालिया निशान लगाए गए है।
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