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बुरहानपुर (म.प्र.)7 मिनट पहले
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काल करे सो आज कर, आज करे सो अब। पल में परलय होएगी, बहुरि करेगा कब। बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय। जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय। धीरे धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय। चिंता ऐसी डाकिनी, काट कलेजा खाए। साईं इतना दीजिए, जा में कुटुम समाय। गुरु गोविंद दोउ खड़े, काके लागूं पांय। ऐसी वाणी बोलिए मन का आप खोए, औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए।
जैसे दोहे लिखने वाले संत कबीर के हजारों अनुयायी इन दिनों
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