अजब गजब

घनश्याम दास बिड़ला, एक ऐसा नाम, जिसने कभी नहीं देखा पीछे मुड़कर, तीसरी पीढ़ी भी मचा रही तहलका

नई दिल्ली. हम बात कर रहे हैं भारत से सबसे बड़े बिजनेस साम्राज्यों में से एक बिड़ला ग्रुप के संस्थापक और देश की आजादी में अहम योगदान देने वाले घनश्याम दास बिड़ला की. मारवाड़ी परिवार से संबंध रखने वाले घनश्याम दास बिड़ला ने व्यवसाय में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. 20 वर्षों से भी कम समय में एक विशाल व्यापारिक साम्राज्य खड़ा कर लिया. आज सभी लोग इनकी मिशाल पेश करते हैं. इनकी तीसरी पीढ़ी भी कारोबार जगत में कुद चुकी है. जो बिड़ला ग्रुप (Birla Group) को आसमान की बुलंदियों तक पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.

देश-विदेश के सफल व्यवसाइयों में शुमार घनश्याम दास बिड़ला का जन्म 10 अप्रैल 1894 को राजस्थान स्थित पिलानी में हुआ था. इनके पिता का नाम बलदेव दास बिड़ला और माता का नाम योगेश्वरी देवी था. मारवाड़ी परिवार से संबंध रखने वाले घनश्याम दास ने व्यवसाय में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

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दादाजी करते थे लोगों को पैसा उधार देने का काम
घनश्याम दास बिड़ला के दादाजी एक मारवाड़ी व्यवसायी थे. वह लोगों को पैसा उधार देते थे. घनश्याम दास बिड़ला के पिता राजा बलदेव दास बिड़ला थे. बलदेव दास बिड़ला ने 1884 ई. में व्यापार के नए अवसर तलाशने के लिए बंबई का दौरा किया. वहां पर शिव नारायण बलदेव दास कंपनी की स्थापना की. इसके बाद 1897 में कोलकत्ता में एक और कंपनी की स्थापना की. कंपनियों ने शुरू में चांदी, कपास, अनाज और अन्य वस्तुओं का कारोबार किया.

1919 में बिड़ला ब्रदर्स लिमिटेड की स्थापना की
घनश्याम दास बिड़ला खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए पिलानी को छोड़कर कोलकत्ता आ गए. वह खुद को साबित करना चाहते थे. उन्होंने कपास में सफलतापूर्वक एक डीलरशिप स्थापित की और जैसे-जैसे उनका व्यवसाय बढ़ता गया, वे फिर से पिलानी आए और परिवार के लिए एक हवेली का निर्माण करवाया. बाद में, बिड़ला ने पारिवारिक व्यवसाय को अपने हाथ में ले लिया और इसका विस्तार करने का फैसला किया. उन्होंने धन उधार व्यवसाय को विनिर्माण में बदल दिया. उन्होंने औपचारिक रूप से 1919 में बिड़ला ब्रदर्स लिमिटेड की स्थापना की.

तीसरी पीढ़ी भी मचा रही तहलका
घनश्याम दास बिड़ला ने दो शादियां की थी. पहली पत्नी दुर्गा देवी से उनके 3 बेटे लक्ष्मी निवास, सुदर्शन कुमार और सिद्धार्थ हुए जबकि दूसरी पत्नी माहेश्वरी देवी से दो बेटे केके बिड़ला और बसंत कुमार हुए. बसंत कुमार बिड़ला के बेटे आदित्य विक्रम बिड़ला (Aditya Vikram Birla) की गिनती आज देश के बड़े उद्योगपतियों में होती है. 1995 में आदित्य बिड़ला निधन के बाद महज 28 साल की उम्र में कुमार मंगलम बिरला ने पिता कारोबार की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली थी.

केएम बिड़ला की कुल संपत्ति 14.9 अरब डॉलर
अब यह जिम्मेदारियां कुमार मंगलम बिरला ने अपने उत्तराधिकारियों को सौंप दी है. कुमार मंगलम बिड़ला की बेटी अनन्याश्री बिड़ला और बेटा आर्यमान बिड़ला अब कारोबार की नई जिम्मेदारी उठाने जा रहे हैं. कुमार मंगलम बिरला ने अपने दोनों बच्चों अनन्या और आर्यमान विक्रम बिरला को फैशन एंड रिटेल की जिम्मेदारी सौंपने की दिशा में कदम बढ़ाया है. बता दें कि फोर्ब्स बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक, केएम बिड़ला की कुल संपत्ति 14.9 अरब डॉलर है. उन्होंने 40 कंपनियों का अधिग्रहण किया है.

Tags: Success Story, Successful business leaders


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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