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शाजापुर (उज्जैन)6 मिनट पहले
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अक्षय नवमीं के दिन ही आंवले का प्राकट्य हुआ था, इसलिए इस तिथि को आंवला नवमी के नाम से भी जाना जाता है। आज के दिन आंवले के वृक्ष के नीचे पूजा-अर्चना और परिवार समेत भोजन करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इसी को लेकर मंगलवार को काशी नगर क्षेत्र में भी महिलाओं ने आंवले के वृक्ष की विधि-विधान से पूजा अर्चना की। उसी के नीचे बैठकर परिवार सहित भोजन ग्रहण किया।
धार्मिक मान्यता है कि आंवला नवमी स्वयं सिद्ध मुहूर्त है। इस
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