अजब गजब

गजब का डिवाइस! सिर्फ सोचने से जलेंगे-बुझेंगे घर के बल्ब-पंखे, कोडरमा के कुणाल का कमाल

ओम प्रकाश निरंजन/कोडरमा. कई बार अपने फिल्मों में देखा होगा कि कोई एक करैक्टर जो चल फिर नहीं सकता, वह अपनी आंखों के इशारे से या सिर्फ सोचने मात्र से कई विद्युत उपकरण को कंट्रोल करता है. इस रील लाइफ स्टोरी को कोडरमा के कुणाल अम्बष्ठ ने बिना किसी प्रशिक्षण के सिर्फ ट्रायल के आधार पर रियल लाइफ में करके दिखाया है.

दिल्ली के उपराज्यपाल ने किया सम्मानित
कुणाल के इस नए इनोवेशन को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है. इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के 38वें स्थापना दिवस के अवसर पर दिल्ली के बाबा साहब अंबेडकर कन्वेंशन सेंटर (इग्नू) में आयोजित कार्यक्रम के दौरान दिल्ली के उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना द्वारा कुणाल अम्बष्ठ को उनके नए इनोवेशन KAYA-INTERFACE के लिए राष्ट्रीय स्तर पर द्वितीय पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया है.

चलने फिरने में असमर्थ लोगों के लिए बड़ी राहत
कुणाल ने बताया कि उन्होंने अपने इस नए डिवाइस को ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस (KAYA-INTERFACE) नाम दिया है. उन्होंने बताया कि इस डिवाइस के माध्यम से कोई भी ऐसा व्यक्ति जो चलने फिरने में असमर्थ है या बोल नहीं सकता है वह सिर्फ सोचने मात्र से अपने घरेलू विद्युत उपकरण को पूरी तरह से संचालित और कंट्रोल कर सकेंगे.

ऑफ़लाइन वर्किंग डिवाइस को बनाती है सुरक्षित
कुणाल ने बताया कि उनका यह डिवाइस पूरी तरह से ऑफलाइन काम करता है. इसे किसी प्रकार की कोई इंटरनेट की आवश्यकता नहीं है, जो बाहरी दुनिया से इसे सुरक्षित करता है. बताया कि इस डिवाइस में ब्रेन के सिग्नल जो न्यूरोन से बहता हुआ इलेक्ट्रिकल इंपल्स है, उसे चेहरे पर लगे सेंसर के माध्यम से ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस कंप्यूटिंग डिवाइस में ट्रांसफर किया जाता है. इसके बाद इससे जुड़े विद्युत उपकरणों को संचालित किया जाता है.

डिवाइस में इन सामान का उपयोग
बताया कि इस पूरे डिवाइस को बनाने में एक कंप्यूटिंग मॉड्यूल, स्पीकर, माइक्रोफोन, ऑन बोर्ड सेंसर का उपयोग किया गया है. इसे बाजार में 10 हजार रुपए प्रति डिवाइस की दर से लॉन्च करने की तैयारी है.

पिता की दुर्घटना के बाद मनाया था KAYA-IF डिवाइस
मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद कुणाल के सामने एक ऐसी परिस्थिति आई थी जब उनके पिता का एक्सीडेंट हो गया था और वह बेड रेस्ट पर थे. इस दौरान उन्हें टीवी और पंखे चलाने में कठिनाई होती थी. जिसके बाद उन्होंने (KAYA-IF) नाम का एक डिवाइस तैयार किया था जो बिना किसी इंटरनेट के वॉइस कमांड पर घरेलू विद्युत उपकरण को संचालित करता है. उनके द्वारा बनाया गया यह दूसरा डिवाइस आंख के पलक झपकने और सोचने मात्र से विद्युत उपकरणों को कंट्रोल करेगा.

Tags: Kodarma news, Local18, Science news


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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