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भोपाल2 मिनट पहलेलेखक: संतोष सिंह
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मध्यप्रदेश विधानसभा के चुनावी रण में भाजपा-कांग्रेस को 71 सीटों पर त्रिकोणीय या चतुष्कोणीय संघर्ष झेलना पड़ रहा है। 159 सीटें ही ऐसी हैं, जहां दोनों आमने-सामने हैं। सबसे ज्यादा नुकसान सपा और बसपा-गोंगपा गठबंधन 41 सीटों पर जबकि निर्दलीय 24 सीटों पर कर रहे हैं। इसके अलावा आम आदमी पार्टी (आप), जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) समेत दूसरे दल भी दोनों प्रमुख दलों का समीकरण बिगाड़ रहे हैं। पिछली बार 60 सीटों पर त्रिकोणीय और चतुष्कोणीय मुकाबला हुआ था।
नाम वापसी के बाद अब तस्वीर साफ हो गई है कि कहां-कौन बागी या तीसरे दल का प्रत्याशी मजबूती से मैदान में टक्कर दे रहा है। इस बार विधानसभा चुनाव में कोई लहर भी नहीं दिख रही है। ऐसे में हर एक सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है। जहां सीधी लड़ाई है, वहां साफ दिख रहा है कि किसका पलड़ा भारी है लेकिन जहां त्रिकोणीय या चतुष्कोणीय संघर्ष है, वहां पेंच फंसा है।
आगे बढ़ने से पहले बहुकोणीय लड़ाई में चुनावी बाजी कैसे पलटती
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