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दमोह पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट (फाइल फोटो)
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
दमोह के बड़ा पुल पर संचालित अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में बुधवार रात जबलपुर में पांचवी मौत हो गई। जबलपुर मेडिकल कॉलेज में इलाजरत विनीता राजपूत 55 वर्ष निवासी मारुताल ने बुधवार रात दम तोड़ दिया। वहीं, इसके पहले रामकली कोस्टी की जबलपुर में मौत हुई थी। पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट में फेक्ट्री मालिक सहित चार महिलाओं की मौत हो गई है और कलेक्टर के निर्देश पर मामले की मजिस्ट्रेट जांच भी शुरू हो गई है।
बता दें शहर के बड़ा पुल अवैध पटाखा फैक्ट्री में मंगलवार को विस्फोट होने से फैक्ट्री मालिक सहित तीन लोगों की मौत हुई थी और 11 महिलाएं घायल हुई हैं। इस मामले में धारा 304 के तहत मामला दर्ज हुआ है।
जबलपुर में इलाजरत दो महिलाओं की मौत
फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट में जहां संचालक सहित दो महिलाओं की मौत हो गई थी, वहीं चार महिलाओं की हालत गंभीर होने पर इलाज के लिए जबलपुर भेजा गया था। जहां मंगलवार रात रामकली कोष्टी की इलाज के दोरान मौत हो गई और बुधवार रात विनीता राजपूत नाम की महिला ने भी दम तोड़ दिया इस प्रकार से पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट में पांच लोगों की जान चली गई है और करीब छह महिलाएं जिला अस्पताल में भर्ती हैं।
फैक्ट्री के पिछले हिस्से से चोरी छिपे लाई जाती थी बारूद
रहवासी इलाके में अभय गुप्ता यह अवैध पटाखा फैक्ट्री 10 सालों से संचालित कर रहा था। स्थानीय लोगों ने पुलिस में शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं इस बात की जानकारी भी सामने आई है कि फैक्ट्री के पीछे वाले हिस्से से बारूद चोरी छिपे फैक्ट्री में लाया जाता था। धमाके के एक दिन पहले ही करीब 100 किलो बारूद एक ऑटो में भरकर फैक्ट्री लाया गया था। इस रास्ते पर किसी की नजर नहीं पड़ती थी।
बड़े पुल पर पिछले 10 साल से मालिक अभय उर्फ छुट्टन गुप्ता 400 किलो पटाखा रखने और बेचने के लाइसेंस की आड़ में अवैध फैक्टरी चला रहा था। विस्फोट से एक किमी दूर तक की जमीन थर्रा गई और लोगों को लगा की भूकंप आया और विस्फोट से फैक्टी ढह गई। आसपास के लोगों और पुलिस ने मलबे से मजदूर महिलाओं को निकालकर अस्पताल पहुंचाया।
आईजी कमिश्नर पहुंचे दमोह
मंगलवार शाम दमोह पहुंचे कमिश्नर वीरेंद्र रावत और आईजी प्रमोद वर्मा ने भी जांच की बात कही। कमिश्नर रावत ने कहा कि प्राइमरी जांच चल रही है। सागर मेडिकल कॉलेज की टीम भी बुलाई गई है। एडीएम की अध्यक्षता में एक टीम गठित की गई है, जो 15 दिन में इस मामले की जांच कर रिपोर्ट उन्हें सौंपेगी। जब उनसे कहा गया कि पहले भी इस मामले में शिकायत हुई है, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई, तो उन्होंने कहा कि जांच में इस बिंदु को भी शामिल किया जाएगा। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
शुरुआती जांच में धारा-304 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
आर्सेनिक, एल्युमिनियम, पोटेशियम क्लोराइड जब्त
पटाखा बनाने में आर्सेनिक, एल्यूमिनियम और पोटेशियम क्लोराइड पाउडर को निश्चित मात्रा में मिलाया जाता है। ये अत्यधिक ज्वलनशील होता है, इसलिए इसे लकड़ी के उपकरण से मिलाया जाता है। एक बार में 500 ग्राम से ज्यादा मिश्रण नहीं बनाने का नियम है, लेकिन फैक्ट्री में एक साथ
50 किलो मिश्रण बना लिया और इसे धातु के उपकरणों से मिलाया जा रहा था। इसी दौरान घर्षण के कारण मिश्रण में विस्फोट हो गया। बम स्क्वाड टीम जब यहां पहुंची तो विस्फोटक सामग्री भी अलग-अलग जगह मिली। टीम ने सामग्री जब्त कर ली है।
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