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भोपाल5 मिनट पहलेलेखक: योगेश पाण्डे
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‘मेरे पापा सरकारी स्कूल में टीचर थे। ये 2017 की बात है। कुछ नेता उन्हें परेशान कर रहे थे। घर का सामान फेंक देते, प्रॉपर्टी पर कब्जा करने लगे। पापा मंत्री के पास गए, लेकिन मदद नहीं मिली। आखिर में उन्होंने सुसाइड कर लिया। सुसाइड नोट लिखकर गए थे, उस पर भी कोई एक्शन नहीं हुआ। वो केस ही खत्म हो गया।’
ये कहना है रक्षा सिंह राजपूत (28) का। रक्षा को कांग्रेस ने
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