Anger among Rajputs on the announcement of Congress candidate | कांग्रेस के फैसले पर जताई आपत्ति, सुनील शर्मा को बताया सिंधिया का एजेंट

ग्वालियर6 मिनट पहले
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कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में सुनील शर्मा का नाम सामने आते ही राजपूत नेता हुए एकजुट
- ग्वालियर विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी का हो रहा विरोध
ग्वालियर विधानसभा में टिकट वितरण के बाद कांग्रेस पार्टी में असंतोष पनप गया है। कांग्रेस ने यहां पिछली बार 33 हजार से अधिक मतों से हारे सुनील शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है। इस बात से ग्वालियर विधानसभा से टिकट मांग रहे चार राजपूत क्षत्रिय नेताओं ने सुनील शर्मा को टिकट दिए जाने का खुलकर विरोध किया है। उन्होंने सुनील शर्मा को सिंधिया का एजेंट बताया। और कांग्रेस नेतृत्व के इस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है।
राजपूत नेताओं ने दी बगावत की चेतावनी
ग्वालियर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के राजपूत क्षत्रिय नेता अशोक तोमर, योगेंद्र तोमर, सौरभ तोमर, राजेंद्र तोमर सहित एक अन्य वीरेंद्र सिंह तोमर ने पार्टी के फैसले पर बगावती सुर अपना लिए हैं। उन्होंने कहा कि हमें किसी कीमत पर सुनील शर्मा मंजूर नहीं है। कांग्रेस प्रवक्ता सौरभ तोमर ,योगेंद्र तोमर सहित राजेंद्र सिंह तोमर ने साफ तौर पर कहा है कि पार्टी ने ऐसे व्यक्ति को टिकट दे दिया, जो 33 हजार से अधिक मतों से पिछला उपचुनाव हार चुका है। सुनील शर्मा कांग्रेस का जिताऊ उम्मीदवार नहीं है। सभी ने एक सुर में कहा कि पार्टी किसी को भी टिकट दे दे हम उसके लिए काम करने को तैयार हैं। लेकिन अगर पार्टी ने अपना फैसला नहीं बदला तो हम पार्टी के विरुद्ध निर्णय लेंगे यानी साफ तौर पर उन्होंने बगावत की चेतावनी दे दी है।
राजपूत क्षत्रिय समाज के नेता बोले चुनाव में मुश्किल हो सकती है
हालांकि इस मामले में कांग्रेस प्रत्याशी सुनील शर्मा का कहना है कि वह रूठे हुए लोगों को मना लेंगे। उन्होंने इसे कांग्रेस का पारिवारिक और आंतरिक मामला बताते हुए मामले को दबाने की कोशिश की है। लेकिन जिस तरह से राजपूत क्षत्रिय समाज के नेताओं ने एक साथ मिलकर कांग्रेस प्रत्याशी सुनील शर्मा के खिलाफ लाम बंद होकर मोर्चा खोला है उसे कांग्रेस पार्टी को विधानसभा चुनाव में मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।
राजपूत वोट निभाता है निर्णायक भूमिका
दरअसल ग्वालियर विधानसभा सीट पर राजपूत क्षत्रिय मतदाता अच्छी खासी तादात में है। इस आधार पर कांग्रेस में यह सभी क्षत्रिय राजपूत नेता कांग्रेस पार्टी से टिकट की मांग कर रहे थे। लेकिन यहां पर कांग्रेस ने ब्राह्मण वर्ग से आने वाले सुनील शर्मा पर भरोसा जताया है। सुनील शर्मा पिछला उपचुनाव ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर से 33 हजार मतों से हार गए थे। हालांकि अपनी करारी हार के लिए सुनील शर्मा ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर पर उपचुनाव में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर चुनाव जीतने का आरोप लगाते हैं।
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