Jaya Prada News: फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा की बढ़ गई मुसीबत, हाईकोर्ट ने भी नहीं दी राहत, 6 माह जेल की है सजा

चेन्नई: फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा की मुसीबत बढ़ गई है. मद्रास हाईकोर्ट ने फिल्म अभिनेत्री और पूर्व सांसद जयाप्रदा तथा दो अन्य को उनके स्वामित्व वाले एक सिनेमाघर के लिए कर्मचारी राज्य बीमा निगम का 18 साल से अधिक समय तक बकाया नहीं चुकाने के मामले में छह महीने की सजा को निलंबित करने की मांग वाली याचिकाएं खारिज कर दीं. हाईकोर्ट ने शुक्रवार को उन याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसमें प्रधान सत्र न्यायाधीश के आदेश को चुनौती दी गई थी. प्रधान सत्र न्यायाधीश ने जयाप्रदा और उनके सहयोगियों को निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा को निलंबित करने से इनकार कर दिया था.
याचिकाएं जयाप्रदा सिनेमा थिएटर की ओर से दायर की गई थीं. न्यायमूर्ति जी जयचंद्रन ने कहा कि यह पाया गया कि याचिकाकर्ता साझेदारी फर्म ने कर्मचारी का योगदान एकत्र किया, लेकिन अपने योगदान के साथ जमा नहीं किया. यह चूक लगातार की गई और किसी न किसी तरीके से याचिकाकर्ता मुकदमे को लगभग 18 वर्षों तक लटकाने में कामयाब रहा. न्यायाधीश ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने न्यायिक प्रणाली के प्रति जो अनादर का भाव दिखाया उसे भी निचली अदालत ने अपने फैसले में दर्ज किया.
न्यायाधीश ने कहा चेन्नई कॉर्पोरेशन द्वारा दायर जवाबी हलफनामा से भी यह पता चलता है कि छूट योजना के तहत विवाद को निपटाने के फर्जी प्रयास से इसे कैसे लंबा खींचा गया. न्यायाधीश ने कहा कि अपीली अदालत ने उन अभियुक्तों की सजा को निलंबित करने की याचिका को खारिज कर सही किया था, जो फैसले की तारीख पर निचली अदालत के सामने पेश नहीं हुए थे और अपीली अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण भी नहीं किया था, जब सजा के निलंबन के अनुरोध पर सुनवाई की गई.
न्यायाधीश ने कहा, ‘मामले का ट्रैक रिकॉर्ड उक्त आदेश को सही ठहराता है. इसलिए, ये मूल याचिकाएं खारिज की जाती हैं.’हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने कहा कि मामले में किसी भी जमानत याचिका, यदि दोषसिद्धि वारंट निष्पादित किया गया है, या सजा को निलंबित करने के अनुरोध वाली किसी भी अर्जी पर केवल तभी विचार किया जाएगा, जब 15 दिनों के भीतर 20 लाख रुपये जमा किए जाएंगे.
जया प्रदा का सियासी सफर
जया प्रदा दो बार लोकसभा में समाजवादी पार्टी की ओर से रामपुर का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं. 2004 और 2009 में उन्होंने रामपुर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार को पटखनी देकर जीत हासिल की थी. बाद में सपा ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया और फिर 2014 के चुनाव में उन्होंने रालोद के टिकट पर बिजनौर से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. 2019 में जया प्रदा वापस रामुर लौटीं और भाजपा ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया. हालांकि, इस बार भी उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी.
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Tags: Jaya prada, Madras high court
FIRST PUBLISHED : October 20, 2023, 23:40 IST
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